क्या आप राशनकार्डधारी हैं ? यदि इसका जवाब हां है तो आगे की खबर जरूर पढ़ लें…जी हां…देश के कई राज्यों में इस वक्त राशन कार्ड में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी है. कई राज्य सरकारों ने सख्त निर्णय लेते हुए राशन कार्ड में धोखाधड़ी करने के मामले पर सख्ती दिखाई है और पुलिसिया जांच भी अब तेज कर दी है. कुछ राज्यों में राशन कार्ड में झूठा नाम डलवाने या राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके कोटे का राशन लेने पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है. रिकवरी विभाग की मामले पर पूरी नजर है. वह इस तरह के धोखेबाजी की जांच कर रही है. खाद्य आपूर्ति विभाग आरोपी पर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर रही है. यही नहीं धोखाधड़ी करने वालों की गिरफ्तार भी हो रही है.यहां चर्चा कर दें कि यदि आप अब गलत डॉक्यूमेंट्स के साथ राशन कार्ड बनवाने का काम करते हैं या गलत नाम पर राशन लेते हैं तो अब आपको जेल के साथ-साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
गौर हो कि राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी होता है. कई बार देखा गया है कि लोग गरीबी रेखा से नीचे या अंत्योदय योजना का राशन कार्ड बनवाने के लिए गलत दस्तावेज जमा करते हैं. जबकि भारत सरकार के फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाना एक दंडनीय अपराध है. यदि आपको फर्जी राशन कार्ड बनवाने के लिए दोषी करार दिया जाता है तो आपको 5 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है. यही नहीं यदि कार्ड बनवाने के लिए आप फूड विभाग के अधिकारी को रिश्वत देने का काम करते हैं या खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर राशन कार्ड बना भी देते हैं तो इस मामले में भी सजा और जुर्माने का प्रावधान कानून में है. देश में आम तौर पर तीन तरह से राशन कार्ड बनाने का काम किया जाता हैं. गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल जबकि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल कार्ड बनाया जाता है. वहीं सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्त्योदय राशन कार्ड सरकार की ओर से बनाया जाता है.आपको बता दें कि राशन कार्ड को भारत सरकार की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट के रूप में भी मान्यता प्राप्त है. राशन कार्डधारी इसकी सहायता से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न (गेहूं, चावल और दाल) बाजार मूल्य से बेहद कम कीमत पर खरीदते हैं.