2008 के मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण किये जाने का किया विरोध

Estimated read time 1 min read

वॉशिंगटन: 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा ने स्वयं को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध किया है, उसने दलील दी है कि जिन अपराधों के लिये उसके प्रत्यर्पण की अपील की गई है, उनमें उसे पहले ही बरी किया जा चुका है. राणा के वकीलों ने भारत-अमेरिका प्रत्‍यर्पण संधि का हवाला दिया है. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कैनेडियाई नागरिक है , और डेविड कोलमेन हेडली के बचपन का दोस्त भी है . राणा को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिये भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर लास एंजिलिस से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था. मुंबई हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी.

हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया था और वह हमले में अपनी भूमिका के लिये फिलहाल अमेरिका की जेल में 35 साल के कारावास की सजा काट रहा है. राणा के वकीलों ने पिछले सप्ताह लास एंजिलिस की जिला अदालत में प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी. राणा के वकीलों ने दलील दी कि अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद 6 के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता क्योंकि जिन अपराधों के लिये उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है, उसमें उसे पहले ही बरी किया जा चुका है.

ALSO READ -  अप्रैल से शुरू हो रहा है आईपीएल,बीसीसीआई सचिव जय शाह ने दी जानकारी

You May Also Like