22 मार्च से शुरू हो जायेंगे होलाष्टक , आइये जानते है इसके पीछे की पौराणिक कहानी

22 मार्च से शुरू हो जायेंगे होलाष्टक , आइये जानते है इसके पीछे की पौराणिक कहानी

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होलिका दहन है. इस दिन तक होलाष्टक मनायी जायेगी. आपको बता दें कि इसे होली से 08 दिन पहले माना जाता है. ऐसे में इस साल 22-28 मार्च तक होलाष्टक तिथि पड़ रही है. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में इसे अशुभ माना गया है. मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. दरअसल, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं ….
ऐसी मान्यता है कि कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या इसी दौरान भंग कर दी थी. जिससे नाराज होकर फाल्गुन की अष्टमी तिथि को ही शिव शंभू ने प्रेम के देवता को भस्म कर दिया था. जिसके बाद पूरी सृष्टि नीरस हो गयी थी. हालांकि, कामदेव की पत्नी रति ने शिव जी की अराधना करके दोबारा अपने पति कामदेव को पुर्नजीवित करवाया. जिसके बाद भक्तों ने 8 दिनों तक शुभ कार्य करने को वर्जित माना.

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आइये जानते है इस समयावधि में क्या नहीं करना चाहिए ??

  • वैवाहिक कार्य न करें
  • धन संपत्ति में निवेश करने की भूल न करें
  • नए व्यवसाय की शुरू न करें
  • गृह प्रवेश या घर के निर्माण या मरम्मत संबंधी कार्य न करें
  • बच्चों के मुंडन नहीं कराएं
  • नए वाहन की खरीदारी इस दौरान न करें
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