26 जनवरी को आएंगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री.

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New Delhi: Prime Minister Narendra Modi shakes hands with Boris Johnson, MP, Secretary of State for Foreign and Commonwealth Affairs, in New Delhi on Wednesday. PTI Photo (PTI1_18_2017_000218B)

नयी दिल्ली : अगले वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मुख्य अतिथि के रूप से शामिल होंगे।
भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आये ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ यहां द्विपक्षीय बैठक में ये जानकारी दी। बैठक में भारत एवं ब्रिटेन ने कोविड पश्चात के जगत में अपने द्विपक्षीय रणनीतिक साझीदारी को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए पांच सूत्रीय एजेंडा तय किया और आतंकवाद एवं कट्टरवाद के विरुद्ध चिंताएं साझा कीं।
बैठक के बाद श्री डॉमिनिक राब ने संवाददाताओं को बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री श्री जॉनसन ने अगले वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप से शामिल होने के भारत के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। ब्रिटिश विदेश मंत्री ने कहा कि उनके प्रधानमंत्री श्री जानसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले वर्ष होने वाले जी-7 के शिखर सम्मेलन में ब्रिटेन आने का निमंत्रण दिया है और श्री जानसन ने अगले साल 26 जनवरी को नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने की सहमति दे दी है जो हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है।

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गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री जानसन के आने की स्वीकृति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ जयशंकर ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में श्री जानसन का आना हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक नये युग की शुरुआत का एक अहम संकेत होगा।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के काल में किसी विदेश मंत्री की इस पहली द्विपक्षीय यात्रा में आज की बैठक में भारत एवं ब्रिटेन की रणनीतिक साझीदारी को नयी ऊंचाई पर ले जाने के बारे में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमने में पांच मुख्य विषयों – लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने, कारोबार एवं समृद्धि, प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन एवं स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक में इसके अलावा हमने अफगानिस्तान की स्थिति की समीक्षा की और हिन्द प्रशांत क्षेत्र की प्रासंगिकता और पश्चिम एशिया की गतिविधियों की समीक्षा की तथा आतंकवाद एवं मजहबी कट्टरवाद के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर चिंताएं साझा कीं।
हिन्द प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा को मिल रहे महत्व के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में भारत की अपनी अलग अवधारणा है। यह संतोष की बात है कि आज उसे मान्यता मिल रही है और उस विचार को समर्थन लगातार बढ़ रहा है।
श्री राब की यात्रा के महत्व के बारे में पूछे जाने पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री की यात्रा बहुत ही अहम वक्त पर हो रही है क्याेंकि हम कोविड पश्चात जगत में संभावनाएं ढूंढ़ रहे हैं जबकि ब्रिटेन के दृष्टिकोण से देखें तो वह भी ब्रेग्ज़िट पश्चात जगत में संभावनाएं तलाश रहा है। इसलिए यह द्विपक्षीय संवाद का सबसे उपयुक्त समय है।
श्री राब ने कहा कि हम भारत के साथ अपनी आर्थिक साझीदारी को विस्तृत एवं गहन बनाना चाहते हैं। हम भारत के साथ मजबूत रक्षा एवं सुरक्षा साझीदारी स्थापित करना चाहते हैं जो आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा के मुद्दों को हल करने में मददगार होगी जिनमें पश्चिमी हिन्द महासागर में जलदस्युओं की समस्या शामिल है। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की वापसी का स्वागत करते हैं।

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