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9/11 बरसी: बाइडन ने लोगों से एकजुटता की अपील की, तीनों घटनास्थलों पर भी जाएंगे-

न्यूयॉर्क (एपी) : राष्ट्रपति जो बाइडन ने 20 साल पहले, 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के इतिहास में हुए अब तक के सबसे भयावह आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को याद करते हुए राष्ट्र से सहयोग की उस भावना को पुनः प्राप्त करने की अपील की जो आतंकवादी हमलों के बाद के दिनों में उभरी थी।

जब अपहर्ताओं ने चार विमानों का अपहरण करके, देश के सबसे भीषण आतंकी हमले को अंजाम दिया तब बाइडन सीनेटर थे और अब वह कमांडर इन चीफ के रूप में पहली बार 9/11 की बरसी मना रहे हैं।

राष्ट्रपति का उन तीनों घटनास्थलों पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम है जहां विमान हमले हुए थे। वह न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और शांक्सविले के निकट एक खेत में जाएंगे।

इस दौरान वह भाषण नहीं देंगे बल्कि व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बाइडन का पहले ही रिकॉर्ड किया गया संबोधन जारी किया था जिसमें राष्ट्रपति ‘‘राष्ट्रीय एकता की सच्ची भावना’’ के बारे में बात कर रहे हैं जो हमलों के बाद उत्पन्न हुई थी और अपेक्षित तथा अप्रत्याशित स्थानों पर वीरता के रूप में देखी गई।

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को आतंवादियों ने विमानों का अपहरण कर लिया था और अमेरिकी धरती पर अब तक के सबसे भयावह आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था, विमानों से हमला करके ट्विन टॉवर गिरा दिए थे। इन हमलों में करीब 3,000 लोग मारे गए थे।

बाइडन ने कहा, ‘‘मेरे खयाल से 11 सितंबर को लेकर मुख्य सबक यही है, एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।’’

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बाइडन शुक्रवार रात को न्यूयॉर्क पहुंचे जहां आसमान में ‘‘ट्रिब्यूट इन लाइट’’ जगमग हो रही थी। इसमें, उन स्थानों पर सीधी खड़ी रोशनी की जाती है जहां पर कभी ये टॉवर थे। वह शनिवार को सबसे पहले ‘नेशनल सेप्टेंम्बर 11 मेमोरियल’ जाएंगे जहां पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर आतंकवादियों ने विमानों से हमला कर गिरा दिए गए थे।

इसके बाद वह पेनसिल्वेनिया के शैंक्सविले के एक खेत में जाएंगे जहां पर विमान के यात्रियों ने आतंकवादियों से मुठभेड़ की थी ताकि इसे वाशिंगटन स्थित उनके लक्ष्य तक पहुंचने से रोका जा सके, अंतत: विमान यहीं पर गिर गया था। आखिर में बाइडन पेंटागन जाएंगे।

बाइडन ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘चाहे कितना भी वक्त क्यों न बीत जाए लेकिन ये उस दर्द की याद ऐसी ही ताजा कर देते हैं जैसे कि आपको यह खबर कुछ सेकेंड पहले ही मिली हो।’’

अमेरिका में दर्दनाक हमले की 20वीं बरसी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की पृष्ठभूमि में मनाई जाएगी। इसे विडंबना ही कहेंगे कि अफगानिस्तान पर फिर उन्हीं लोगों का कब्जा हो गया है जिन्होंने 11 सितंबर 2001 में हुए हमले के साजिशकर्ताओं को पनाह दी थी।

थिया त्रिनिदाद जिन्होंने इन हमलों में अपने पिता को खो दिया था, वह कहती हैं, ‘‘यह मुश्किल है क्योंकि उम्मीद थी कि समय बदलेगा, दुनिया अलग होगी। लेकिन कभी-कभी इतिहास अपने को दोहराने लगाता है।’’ त्रिनिदाद तब दस वर्ष की थी जब जलते ट्रेड सेंटर से उनके पिता ने उनकी मां को अंतिम बार फोन किया था और अलविदा कहा था।

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राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रेस सचिव रहे रॉबर्ट गिब्स ने कहा कि बाइडन के लिए यह ‘‘एक ऐसा पल है जब लोग उन्हें डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में देखें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ हफ्तों में लोगों ने अफगानिस्तान मामले में जो कुछ देखा उसे लेकर वे संशय में हैं। बाइडन के लिए यह समय है सबकुछ पुन: व्यवस्थित करने का। लेागों को यह याद दिलाने का कि कमांडर इन चीफ होने के क्या मायने हैं और ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर देश का नेता होने का क्या मतलब होता है।’’

शनिवार को जब बाइडन तीनों घटनास्थल पर जाएंगे तब, पूर्व राष्ट्रपति जॉज डब्ल्यू बुश शांक्सविले में स्मारक पर संबोधन दे सकते हैं। ओबामा न्यूयॉर्क में होंगे। वहीं ट्रंप फ्लोरिडा में एक बॉक्सिंग मैच देखने से पहले मेनहट्टन जाएंगे।

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