CSE की जांच में झंडू, वैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि समेत कई के शहद में मिलावट, नमूने फेल-
13 ब्रांड्स में से सिर्फ 3 पास-मिलावटी शहद में चीन का हाथ
ND : शहद (Honey) का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है, लेकिन इसमें भी जबरदस्त मिलावट की जा रही है। यह हालत सिर्फ सड़क किनारे भगोने में बिकने वाले शहद की नहीं, बल्कि नामी गिरामी ब्रांडेड शहद की भी है। इस बात का खुलासा जााच के बाद सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरामेंट (CSE) ने किया है।
CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण ने बताया कि भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के लगभग सभी ब्रांडों में जबरदस्त तरीके से शुगर सिरप (Sugar syrup) की मिलावट हो रही है। 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है।
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कुल जांचे गए 22 नमूनों में केवल पांच ही सभी परीक्षण में पास हुए। शहद के प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय, सभी एनएमआर टेस्ट में फेल हो गए। 13 ब्रांड्स में से सिर्फ 3 – सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर, सभी परीक्षणों में पास पाए गए।
शुगर सिप चीन से आयात किया जाता है –
गौरतलब है कि FSSAI ने पिछले साल आयातकों और राज्यों के खाद्य आयुक्तों को बताया था कि देश में आयात किया जा रहे गोल्डन सिरप, इनवर्ट शुगर सिरप और राइस सिरप का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया जा रहा है। CSE की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि FSSAI ने जिन चीजों की मिलावट की बात कही थी, उस नाम से उत्पाद आयात नहीं किए जाते। चीन की कंपनियां फ्रक्टोज के रूप में इस सिरप को यहां भेजती हैं।
चीन से सिरप-शहद का आयात बंद होना चाहिए
सुनीता नारायण ने कहा कि इस समय हमने मिलावट के कारोबार का खुलासा कर दिया है। हम सरकार, उद्योग और उपभोक्ताओं से ये चाहते हैं। उनका कहना है कि चीन से सिरप और शहद का आयात बंद किया जाए। इसके साथ ही अपने यहां सार्वजनिक परीक्षण को सुदृढ़ किया जाए, ताकि कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जा सके।
परीक्षण की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए–
सरकार को एनएमआर जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके नमूनों का परीक्षण करना चाहिए और यह जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि उपभोक्ता जागरूक हों और हमारे स्वास्थ्य से समझौता न हो। यह कंपनियों को भी जिम्मेदार ठहराएगा। यही नहीं, बिकने वाला शहद मधुमक्खी पालकों या छत्तों से लिया गया है, सभी शहद बेचने वाली कंपनियों को इसका खुलासा करना चाहिए।