अलीबाबा के संस्थापक जैक मा पर चीन की कार्यवाही, चीनी बैंकों की तुलना ‘मोहरे की दुकानों’ से की थी-

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क्या चीन ने जैक मा को गायब करवा दिया?

चीन के अरबपति और दिग्गज इ-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा चीन सरकार की कार्रवाई के बाद शांत हैं और आजकल शौकिया तौर पर पेंटिंग कर रहे हैं. उनके करीबी व्यपारिक सहयोगी जोसेफ त्साई ने यह जानकारी दी.

जैक के चीनी बैंकों की तुलना ‘मोहरे की दुकानों’ से करने के बाद उन्हें राष्ट्रीय नियामकों द्वारा समन किया गया. इस बयान से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार नाराज हो गई. जिसके बाद सरकार ने उनकी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी.

चीन के वित्त नियामकों ने पिछले वर्ष जैक मा को तलब किया था और उनकी कंपनी पर दबदबे की स्थिति का कथित दुरुपयोग करने के दोष में जुर्माना लगाया था.

आप को बता दे की चीन में आप चाहे कितने बड़े शख्शियत क्यों न हो अगर आप देश और सरकार सिस्टम की बुराई करते है तो आप को दंड का भागी होना ही पड़ेगा, इसी का खामयाजा अलीबाबा जैक को भी भोगना पड़ा.

अलीबाबा के उपाध्यक्ष त्साई ने बुधवार को अमेरिकी मीडिया के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘जैक साधारण जीवन जी रहे हैं. मैं उनसे रोज बात करता हूं और आंतरिक संदेश प्लेटफार्म के जरिये प्रतिदिन मेसेज करता हूं. वह अपने जीवन में बहुत अच्छा कर रहे हैं और शोकियाँ तौर पर पेंटिंग करते हैं.’

जैक दो साल पहले ही अलीबाबा में अध्यक्षता और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका से हट गए थे और वह अब शौक और परोपकार पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

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जैक ने पिछले साल अक्टूबर में शंघाई में शिखर सम्मेलन के दौरान चीन की वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना की थी. इस सम्मेलन में सैकड़ों बैंकों और नियामकों ने भाग लिया था.

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