किसान अब और बढ़ायेंगें मोदी सरकार की दिक्कतें,आंदोलन को जिंदा रखने के लिए बनाई असरदार तकनीक

पंजाब के किसानों ने दिल्‍ली में चल रहे अपने किसान आंदोलन को जिंदा बनाए रखने के लिए एक बड़ी व्‍यावहारिक और असरदार तकनीक अपनाई है। जो किसान लगभग 15 दिनों से दिल्‍ली के बॉर्डर प‍र टिके हुए थे वे अपने खेतों की देखभाल के लिए वापस लौट रहे हैं वहीं उनकी जगह लेने के लिए बड़ी तादाद में किसानों के ‘जत्‍थे’ पंजाब के विभिन्‍न जिलों से दिल्‍ली की ओर रवाना हो रहे हैं।

मानसा, भठिंडा, बरनाला और संगरूर जिलों से गुरुवार को किसानों ने दिल्‍ली बॉर्डर की ओर कूच किया। संगरूर से दो बसों में भरे आढ़तिए दिल्‍ली के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को स्‍वर्ण मंदिर में प्रार्थना करके बड़ी संख्‍या में किसानों के जत्‍थे दिल्‍ली के लिए चल पड़ेंगे।

रतन सिंह बॉर्डर एरिया संघर्ष कमिटी के महासचिव होने के साथ-साथ अटारी, मजीठा और जंडियाला विधानसभा क्षेत्रों के इनचार्ज हैं। वह कहते हैं कि गुरुवार को लगभग 100 किसानों का समूह दिल्‍ली से लौटा है। उनका कहना है, ‘सभी लोगों के ऊपर बहुत जिम्‍मेदारियां हैं लेकिन साथ ही उन्‍हें इस संघर्ष को भी जिंदा रखना है। इसलिए हमने इस तरह बारी-बारी से इन दोनों उत्तरदायित्‍वों को निभाने का फैसला किया है।

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