बेंगलुरु की 42वीं ACMM कोर्ट ने तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म के बारे में अपमानजनक बयान देने के मामले में सशर्त जमानत दे दी है. कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को सामाजिक कार्यकर्ता परमेश द्वारा दायर याचिका के आधार पर नोटिस जारी किया था. उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी.
सनातन धर्म पर उदयनिधि ने क्या कहा था?
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक विवादित टिप्पणी सितंबर 2023 में चेन्नई में तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक कलाकार संघ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान की.
उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया था-
“जिस तरह डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस को मिटाने की जरूरत है, उसी तरह हमें सनातन धर्म को भी मिटाना होगा.”
बयान के बाद देश भर में कार्रवाई की मांग होने लगी. केवल आम जनमानस ही नहीं, बल्कि देश के जाने-माने जजों ने भी उदयनिधि के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन की याचिका पर कई राज्य सरकारों और शिकायतकर्ताओं को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को एक साथ जोड़ने और एक ही एफआईआर के तौर पर मुकदमा चलाने की मांग की थी.
भाषण के कुछ दिनों बाद, 14 सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जजों सहित 262 लोगों ने एक पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय से स्टालिन के विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
कुछ सप्ताह बाद, स्टालिन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. इस बीच, बेंगलुरु की एक ट्रायल कोर्ट ने स्टालिन के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया. अब बेंगलुरू कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को जमानत दे दी है.
विशेष मजिस्ट्रेट केएन शिवकुमार ने स्टालिन को जमानत के तौर पर 5,000 रुपये नकद और 50,000 रुपये का निजी मुचलके जमा करने के निर्देश दिए है. इस मामले में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी.
उदयनिधि स्टालिन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्य सरकारों और शिकायतकर्ताओं से जवाब मांगा था. उदयनिधि स्टालिन एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता, मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन के बेटे हैं.