लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (3) के उल्लंघन का भी आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी को उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर चार सप्ताह में लिखित जवाब देने का आदेश दिया है। उक्त निर्वाचन याचिका में जाति-धर्म के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया गया है। पिछली सुनवायी पर न्यायालय ने याचिका पर विचार की आवश्यकता जताते हुए, नोटिस जारी किया था। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश ज्ञानी की याचिका पर पारित किया। याची की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने दलील दी है कि चुनाव के दौरान न सिर्फ प्रत्याशी बल्कि उसकी पार्टी के द्वारा भी ‘पीडीए PDA’ शब्द का बारम्बार प्रयोग किया गया। आरोप लगाया गया है कि 12 मई 2024 की चुनाव रैली में मोहनलालगंज में आरके चौधरी ने खुलेआम जाति व धर्म के नाम पर वोट मांगे।
कहा गया है कि सोशल मीडिया साइटों पर भी चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से आरके चौधरी व उनकी पार्टी द्वारा जाति, धर्म व समुदाय के आधार पर वोट मांगे गए। दलील दी गई है कि आरके चौधरी चुनाव जीत गए लेकिन जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम की धारा 123(3) के तहत जाति-धर्म, समुदाय के नाम पर वोट मांगने के कारण उनका चुनाव रद्द होना चाहिए।