Supreme Court ने सर्पदंश के बेहतर उपचार और एंटी-वेनम की सुविधा की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें देश भर के स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एंटी-वेनम और बेहतर सर्पदंश SnackBite उपचार सुविधाओं की उपलब्धता का आग्रह किया गया है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई और सभी हितधारकों को नोटिस जारी किए।

पीठ ने आदेश दिया, “नोटिस जारी करें, चार सप्ताह में जवाब दें।”

एओआर चांद कुरैशी द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) में भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को उजागर किया गया है, जिसमें सर्पदंश के इलाज के लिए आवश्यक एंटी-वेनम की भारी कमी का हवाला दिया गया है। याचिका में बताया गया है कि भारत में हर साल लगभग 58,000 सर्पदंश से संबंधित मौतें दर्ज की जाती हैं, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है। खतरनाक मृत्यु दर के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी-वेनम की भारी कमी है, जिससे अक्सर उपचार में घातक देरी होती है।

जनहित याचिका में कहा गया है, “भारत में सर्पदंश से होने वाली मौतों की दर विश्व में सबसे अधिक है, यहाँ हर साल लगभग 58,000 मौतें होती हैं। इतनी अधिक मृत्यु दर के बावजूद, एंटी-वेनम Anti Venom (Poly Venom) की कमी है। पॉलीवेनम ग्रामीण अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों तक नहीं पहुँच पाता है, जहाँ सर्पदंश के मामले सबसे अधिक होते हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीवेनम के पर्याप्त स्टॉक की कमी है, जिसके कारण पीड़ितों के उपचार में देरी होती है और वे पारंपरिक उपचार या स्थानीय चिकित्सकों की ओर रुख कर सकते हैं।”

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याचिकाकर्ता ने देश भर में सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन शुरू करने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देने की माँग की है।

इसके अतिरिक्त, याचिका में सरकारी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाइयों की स्थापना की माँग की गई है, जहाँ मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन करने वाले विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर कार्यरत हों।

याचिका में निम्नलिखित मांगें की गई हैं-

  1. देश के सरकारी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में पॉलीवेनम (एंटीवेनम) और सर्पदंश उपचार उपलब्ध कराना ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
  2. विशेष रूप से ग्रामीण भारत में बड़ी संख्या में होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन और सर्पदंश जन जागरूकता अभियान चलाना।
  3. सरकारी जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानक चिकित्सा मानदंडों के अनुसार विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाई की स्थापना करना।

वाद शीर्षक – शैलेंद्र मणि त्रिपाठी बनाम भारत संघ

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