न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त, 2031 में बन सकते हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश
केंद्र सरकार ने सोमवार को कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी घोषणा करते हुए कहा, “भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का उपयोग करते हुए, भारत के राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करने के बाद न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की है।”
2031 में बन सकते हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बागची के नाम की सिफारिश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में की थी। अब जारी अधिसूचना के अनुसार, वे मई 2031 में भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं, जब न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति बागची सुप्रीम कोर्ट में छह वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा करने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण करेंगे। कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति पर विचार करते समय सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायिक संतुलन को भी ध्यान में रखा। फिलहाल, कलकत्ता हाईकोर्ट से केवल एक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता, सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत हैं।
न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची का न्यायिक सफर
न्यायमूर्ति बागची ने 27 जून 2011 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 4 जनवरी 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था। बाद में, 8 नवंबर 2021 को वे पुनः कलकत्ता उच्च न्यायालय में प्रतिनियुक्त हुए, जहां वे अब तक सेवारत हैं।
उनकी नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक विशेषज्ञता को और सुदृढ़ करने की उम्मीद की जा रही है।
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