सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु को राहत: TASMAC के खिलाफ ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर रोक, पर मोबाइल डेटा के उपयोग पर रोक से इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा शराब दुकानों के लाइसेंस आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर अंतरिम रोक लगा दी है। हालांकि, कर्मचारियों के मोबाइल फोनों से क्लोन किए गए डेटा के उपयोग पर रोक लगाने से कोर्ट ने इंकार कर दिया।
CJI बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, “हमने पहले ही आपके पक्ष में स्थगन आदेश दे दिया है… हम इससे अधिक कुछ नहीं दे सकते। हमने कार्यवाही पर रोक लगा दी है।”
राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि कार्यवाही पर रोक का मतलब यह नहीं कि ED जब्त किए गए मोबाइल फोनों से प्राप्त डेटा का उपयोग नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “यह एक सरकारी निगम है जो शराब बेचता है। वर्ष 2014 से 2021 के बीच राज्य ने 41 एफआईआर दर्ज की थीं। ED 2025 में आई और उसने छापा मारा। सभी मोबाइल ले लिए गए, पूरा डेटा क्लोन कर लिया गया।”
इस पर CJI ने ED से तीखे सवाल पूछते हुए कहा, “आप किसी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं, लेकिन एक निगम के खिलाफ? आप ED की सीमाओं को पार कर रहे हैं!”
पीठ ने ED को नोटिस जारी कर दिया है और जांच कार्यवाही पर रोक लगा दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी कहा, “सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन का डेटा क्लोन कर लिया गया।”
सिब्बल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “यह निजता का मामला है… ED को ऐसे मामलों की जांच करनी चाहिए, न कि इस तरह से डेटा इकट्ठा करना।” उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने मोबाइल डेटा की जब्ती और उसके उपयोग पर निजता की रक्षा हेतु अंतरिम राहत प्रदान की है।
ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा, “हमने कोई गलत काम नहीं किया। नकद बरामद हुआ है। मैं सब दिखाऊंगा।” इस पर CJI ने कहा, “हम आपके जवाब दाखिल करने के बाद सुनवाई करेंगे।” राजू ने दावा किया कि यह “1000 करोड़ रुपए का घोटाला है।”
CJI ने दोहराया, “आपका प्रारंभिक अपराध (predicate offence) कहां है? ED सभी सीमाएं लांघ रही है!”
हालांकि कोर्ट ने TASMAC के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी, लेकिन कर्मचारियों के फोन से क्लोन किए गए डेटा के इस्तेमाल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला ED के जवाब दाखिल करने के बाद लिया जाएगा।
याचिकाएं मद्रास हाईकोर्ट के 23 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती देती हैं जिसमें ED को PMLA के तहत कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी गई थी।
मामला: State of Tamil Nadu v. Enforcement Directorate (SLP(Crl) No. 7958/2025)
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