सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेज़ों के रखरखाव और नष्ट करने के लिए जारी की विस्तृत गाइडलाइंस, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर जोर

supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेज़ों के रखरखाव और नष्ट करने के लिए जारी की विस्तृत गाइडलाइंस, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली | विधि संवाददाता
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक दस्तावेज़ों के संरक्षण और नष्ट करने से संबंधित एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश (Guidelines for Retention and Destruction of Records 2025) जारी किए हैं, जिसका उद्देश्य न्यायालय की सभी रजिस्ट्री शाखाओं में उत्तरदायित्व और कार्यकुशलता सुनिश्चित करना है।

मुख्य न्यायाधीश डी.आर. गवई ने इस अवसर पर कहा कि वर्षों से सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में विभिन्न शाखाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में विविध प्रकार के प्रशासनिक अभिलेख तैयार हो रहे हैं, लेकिन इन दस्तावेजों के समुचित प्रबंधन के लिए कोई समरूप और स्पष्ट नीति नहीं थी।

“जहां न्यायिक रिकॉर्ड के रखरखाव के लिए सुप्रीम कोर्ट रूल्स, 2013 की ऑर्डर LVI और 2017 के हैंडबुक में विस्तृत प्रावधान मौजूद हैं, वहीं प्रशासनिक अभिलेखों के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस का अभाव रहा है।”


दिशानिर्देशों की प्रमुख बातें

  • सीजेआई और न्यायाधीशों के हस्ताक्षर युक्त मूल नोट्स और पेपर बुक्स को स्थायी रूप से संरक्षित किया जाएगा।
  • नीति फाइलें, कार्यालय आदेश, और परिपत्र फाइलें भी स्थायी रूप से संरक्षित की जाएंगी।
  • दस्तावेजों की गणना उनके अंतिम निस्तारण, ऑडिट या मुकदमेबाजी के समाप्त होने के बाद से शुरू होगी।
  • कोई भी दस्तावेज़ नष्ट करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उस विषय से संबंधित कोई अदालत मामला लंबित न हो।
  • अन्य शाखाओं से संबंधित या गोपनीय दस्तावेज़ों के मामले में संबंधित शाखा को सूचना देना अनिवार्य होगा।
  • रिकॉर्ड का नष्टिकरण संबंधित रजिस्ट्रार की पूर्व स्वीकृति के बाद ही किया जाएगा और यह कार्य सामान्यतः ग्रीष्म अवकाश या आंशिक कोर्ट कार्यकाल के दौरान किया जाएगा।
ALSO READ -  न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के 51वें CHIEF JUSTICE OF INDIA के रूप में शपथ ली

प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा

सीजेआई गवई ने कहा कि:

“इन दिशानिर्देशों से संगठित और पारदर्शी प्रणाली विकसित होगी, जिससे अप्रासंगिक दस्तावेजों को हटाकर भंडारण का बोझ कम होगा और रिकॉर्ड की उपलब्धता में तेज़ी आएगी।”

दिशानिर्देशों को सार्वजनिक अभिलेख प्रबंधन के राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है।


निर्माण में अधिकारियों की भूमिका

सीजेआई ने इस महत्वपूर्ण पहल को सफलतापूर्वक पूरा करने में शामिल अधिकारियों की सराहना की:

  • प्रदीप वाय. लाडेकर, रजिस्ट्रार, जिन्होंने मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • भारत पराशर, सेक्रेटरी जनरल, और एस.सी. मुंघाटे, विशेष कार्याधिकारी, जिन्होंने मार्गदर्शन प्रदान किया।

वित्तीय और कैलेंडर वर्ष के अनुसार रिकॉर्ड विभाजन

  • वित्तीय दस्तावेज़ (बजट, खर्च आदि) को प्रत्येक वित्त वर्ष (1 अप्रैल – 31 मार्च) के अनुसार संरक्षित किया जाएगा।
  • अन्य सभी रजिस्टर और रिकॉर्ड को कैलेंडर वर्ष (1 जनवरी – 31 दिसंबर) के अनुसार अलग-अलग रखा जाएगा।
Translate »