दिल्ली शराब नीति मामला: केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 10 सितंबर को

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दिल्ली शराब नीति मामला: केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 10 सितंबर को

— विशेष संवाददाता, न्याय संवाद, नई दिल्ली

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन और अदालत के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस रविंदर डुडेजा की एकल पीठ ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में ईडी को प्रारंभिक आपत्तियां हलफनामे के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया है।

🔎 मामला क्या है?

ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केजरीवाल को शराब नीति घोटाले से संबंधित जांच में तलब किया था। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार की 2021-22 की अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण में शराब कारोबारियों से किकबैक लेकर नियमों में ढील दी, जिससे कंपनियों को अनुचित लाभ हुआ। आरोप है कि इस धन का उपयोग AAP के गोवा चुनाव अभियान में किया गया।

🧾 समन और अदालती आदेशों को दी गई चुनौती

ईडी द्वारा तलब किए जाने और उनके अनुपस्थित रहने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ दो समन जारी किए। जब केजरीवाल ने इन समनों को सेशन कोर्ट में चुनौती दी, तो 17 सितंबर 2024 को कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

अब केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इन समनों और सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।

⚖️ ED की आपत्तियां

ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने याचिका की स्वीकार्यता पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा कि पहले भी इसी आधार पर एक याचिका खारिज की जा चुकी है और दोबारा उसी विषय पर पुनरीक्षण याचिका विचार योग्य नहीं है।

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🔐 केजरीवाल की गिरफ्तारी और जमानत

  • केजरीवाल को 21 मार्च 2025 को ED ने गिरफ्तार किया था।
  • जून 2025 में CBI ने भी उन्हें गिरफ्तार किया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ED मामले में अंतरिम जमानत दी थी।
  • 13 सितंबर को उन्हें CBI मामले में भी जमानत मिल गई।

⏭️ आगे क्या?

कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 के लिए सूचीबद्ध की है और तब तक ईडी को जवाब दाखिल करने को कहा है। यह मामला केजरीवाल के लिए कानूनी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनके खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच की वैधता और प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है।


पृष्ठभूमि: दिल्ली की विवादास्पद शराब नीति को लेकर CBI और ED की जांच लंबे समय से जारी है। इस मामले में मनी ट्रेल, राजनीतिक फंडिंग, और नीति निर्माण में पक्षपात जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। मामला फिलहाल केंद्र बन गया है राजनीतिक और संवैधानिक बहसों का, विशेषकर एक निर्वाचित मुख्यमंत्री की जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारी के आलोक में।

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