MUDA घोटाला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 4 सितंबर को

कर्नाटका हाई कोर्ट
Karnataka High Court

MUDA घोटाला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 4 सितंबर को

— विधि संवाददाता, बेंगलुरु

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़ी अवैध भूखंड आवंटन घोटाले के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। यह आदेश उस स्थिति में दिया गया जब अदालत को बताया गया कि अब तक उन्हें नोटिस जारी नहीं किया गया था।

यह मामला सीएम सिद्धारमैया द्वारा दाखिल की गई अपील से संबंधित है, जिसमें उन्होंने राज्यपाल द्वारा जांच की अनुमति को चुनौती दी है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को इस अपील पर सुनवाई करते हुए सिद्धारमैया की पत्नी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सुनवाई को 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

🔎 क्या है मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 10 जून 2025 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब ₹100 करोड़ मूल्य की 92 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया था। ये सभी भूखंड MUDA द्वारा आवंटित किए गए थे और इन पर अवैध आवंटन का संदेह है।

ईडी के मुताबिक, इन संपत्तियों को कुछ हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के फ्रंट के नाम पर खरीदा गया था, जिनमें MUDA के वरिष्ठ अधिकारी और राजनीतिक रूप से जुड़ी हस्तियां शामिल हैं।

🕵️‍♀️ जांच में क्या सामने आया?

ईडी की जांच में पता चला कि:

  • MUDA अधिकारियों ने सरकारी दिशा-निर्देशों और कानूनों की अवहेलना करते हुए अयोग्य व्यक्तियों/संस्थाओं को मुआवजा भूखंड आवंटित किए।
  • कुछ मामलों में आवंटन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुआ और आवंटन पत्रों को बैकडेट किया गया।
  • घूस के रूप में नकद, बैंक ट्रांसफर और संपत्तियों के रूप में लाभ लिए गए।
  • ये घूस सहकारी समितियों और अधिकारियों के रिश्तेदारों के बैंक खातों के माध्यम से ली गई और उन्हीं के नाम पर जमीनें खरीदी गईं।
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👩‍⚖️ हाईकोर्ट की प्रक्रिया

सीएम सिद्धारमैया ने राज्यपाल की उस अनुमति को अदालत में चुनौती दी है, जिसके तहत इस मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब अदालत ने प्रक्रिया के तहत उनकी पत्नी को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि बिना सभी पक्षों को सुने न्यायिक निर्णय नहीं लिया जा सकता।

🔜 अगली सुनवाई

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले को 4 सितंबर 2025 के लिए सूचीबद्ध किया है। तब तक जांच एजेंसियों और प्रतिवादियों को दस्तावेज व जवाब प्रस्तुत करने होंगे।


पृष्ठभूमि: MUDA घोटाला कर्नाटक में एक उभरता हुआ राजनीतिक और कानूनी विवाद बन गया है, जिसमें कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। ईडी की इस कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, विशेषकर तब जब मुख्यमंत्री और उनके परिजनों पर आरोप लग रहे हैं।

यह मामला अब न केवल वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, बल्कि यह नैतिक और प्रशासनिक जवाबदेही के बड़े सवाल भी खड़ा कर रहा है।

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