Tag: karnataka high court
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने कहा कि वह भी इंसान हैं और उनसे भी गलती हो जाती है, यह कहते हुए अपने दिए एक आदेश को वापस ले लिया
जजों को धरती पर भगवान के रूप की संज्ञा दी जाती रही है, जो हमारे गुनाहो के बारे में फैसला लेता है और बेहुनाहो को आजाद करता है। उनके आदेश से ही कोई आरोपी बेगुनाह साबित होकर आजाद हो जाता है, [more…]
HC ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीशों के खिलाफ वकील द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले को उनकी बिना शर्त माफी मांगने के बाद खारिज दिया
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एफ. सलदान्हा और पी.बी. डी.सा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला खारिज कर दिया, क्योंकि उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी और मामले को आगे नहीं बढ़ाने का वचन दिया। यह मामला [more…]
GST मामले की सुनवाई करते हुए HC ने कहा की व्यापारी या उसका काफिला माल की आवाजाही के लिए मूल स्थान से गंतव्य स्थान तक मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वाणिज्यिक कर (अपील) पर सुनवाई करते हुए कहा कि व्यापारी या उसका काफिला माल की आवाजाही के लिए मूल स्थान से गंतव्य स्थान तक मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र है। न्यायालय ने वाणिज्यिक कर (अपील) के संयुक्त [more…]
दूसरी पत्नी और उसके संबंधियों पर नहीं हो सकता द्विविवाह (BIGAMY) IPC U/S 494 का केस, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
कर्नाटक हाईकोर्ट ने द्विविवाह (BIGAMY) मामले में अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई पति या पत्नी अपनी पहली शादी के निर्वाहन के दौरान दूसरी शादी करता है तो वह बिगैमी कानून के तहत आरोपी होता है। [more…]
NI Act U/S 138 : अदालत आरोपी द्वारा मांग नोटिस की प्राप्ति की तारीख से 15 दिन मिंयाद से पहले दायर शिकायत का संज्ञान नहीं ले सकती – HC
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 138 : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दोहराया कि यदि आरोपी द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से अनिवार्य 15 दिन की अवधि समाप्त होने से पहले शिकायत दर्ज की जाती है तो अदालत परक्राम्य [more…]
सीआरपीसी की धारा 125 के तहत बहू अपने सास-ससुर से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती: कर्नाटक उच्च न्यायालय
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि अपने सास-ससुर के ख़िलाफ़ एक बहू सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती। एक मृत व्यक्ति (दिवंगत पति) की पत्नी और बच्चों ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका [more…]
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत अपराध केवल उस व्यक्ति के खिलाफ शुरू किया जा सकता है जिसने चेक जारी किया है -HC
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि परक्राम्य लिखत अधिनियम धारा 138 के तहत अपराध केवल उस व्यक्ति के खिलाफ शुरू किया जा सकता है जिसने चेक जारी किया है। वर्तमान मामले में, याचिकाकर्ता, जिसने चेक जारी नहीं किया था, के खिलाफ [more…]
सबूतों को दलीलों के दायरे से बाहर पेश नहीं किया जा सकता, खासकर जब उन दलीलों में संशोधन करने के प्रयासों को अस्वीकार कर दिया गया हो-SC
सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति विवाद के एक मुकदमा जो वर्ष 1999 में दायर किया गया था की सुनवाई करते हुए पुनः दोहराया कि कोई भी सबूत दलीलों से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। संपत्ति विवाद के लिए एक मुकदमा वर्ष 1999 [more…]
POCSO Act का उद्देश्य किशोर के बीच सहमति से बनाए गए संबंधों को अपराध बनाना नहीं है: कर्नाटक HC
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि POCSO अधिनियम का उद्देश्य नाबालिगों को यौन शोषण से बचाना है, न कि दो किशोरों के बीच सहमति से बनाए गए संबंधों को अपराध बनाना। एक 21 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामले [more…]
भर्ती नियम विषयवार विशिष्टता निर्धारित नहीं करता: सुप्रीम कोर्ट ने गृह विज्ञान व्याख्याता पद के लिए KPSC भर्ती अधिसूचना को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने गृह विज्ञान व्याख्याताओं के पद के लिए कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि यदि नियम विषयवार विशिष्टता निर्धारित नहीं करता है, तो ट्रिब्यूनल या उच्च न्यायालय के लिए [more…]