LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार  जानिए आप की पॉलिसी पर क्या कोई फर्क पड़ेगा-

LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार जानिए आप की पॉलिसी पर क्या कोई फर्क पड़ेगा-

ywAAAAAAQABAAACAUwAOw==
LIC

LIC भारतीय जीवन बीमा निगम में हिस्सेदारी बिक्री से पहले वित्त मंत्रालय ने बीमा कंपनी के मूल्यांकन के लिए एक्चुरियल कंपनियों से आवदेन मंगाए हैं. इसके लिए कंपनियां आठ दिसंबर तक अपने आवेदन जमा कर सकती हैं. इस संबंध में बीते सोमवार को एक निविदा (Tender) जारी की गयी थी. सरकार की योजना भारतीय जीवन बीमा निगम में कुछ हिस्सेदारी बेचकर इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की है.

इसके लिए डेलॉयट और एसबीआई कैपिटल को पहले ही IPO से पहले के लेनदेन का परामर्शक नियुक्त कर दिया है.

टेंडर डाक्यूमेंट्स में निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा कि प्रस्ताविज आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से पहले कंपनी के बारे में भी अनिवार्य सार्वजनिक सूचनाओं के प्रकाशन की शर्त पूरा करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम को बीमा कंपनी के सन्निहित मूल्य के मूल्यांकन के नियम विकसित करने की जरूरत है.

सन्निहित मूल्य का आकलन (Contiguous value estimation) एक सामान्य मूल्यांकन पद्धति है. इसका उपयोग किसी बीमा कंपनी में शेयरधारकों के हित के समेकित मूल्य का अनुमान लगाने में होता है. इसमें कंपनी की वर्तमान सम्पत्ति और वर्तमान में चल रही बीमा पॉलिसियों से होने वाले लाभ के वर्तमान मूल्य को जोड़ा जाता है.

जाहिर है देश में सरकारी बैंकों के सामने मुंह बाये खड़ी एनपीए की समस्या को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक को एलआईसी के हवाले करने का फैसला लिया है. इसी कवायद के तहत साल 2020 की शुरुआत में बैंकों को एनपीए से मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपए के रीकैपेटलाइजेशन प्रोग्राम को मंजूरी दी थी. इसके साथ ही महज पांच साल में एलआईसी का एनपीए दोगुना होने की बात ने जोर पकड़ ली है.

ALSO READ -  पीएम मोदी पर महुआ मोइत्रा के तंज का तीर, कहा -हम 7 साल से कर रहे इंतज़ार आप भी थोड़ा सा कीजिए 

अगर आप एलआईसी के बीमाधारक हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि एलआईसी के मौजूदा संकट से आपकी पॉलिसी या प्रिमियम पर तुरंत कोई फर्क नहीं पड़ने जा रहा है. वहीं, अगर आप एलआईसी में कोई नया निवेश करना चाहते हैं तो कुछ समय इंतजार करना सही हो सकता है.

बता दें आपकी पॉलिसी में कुछ राशि है तो आप सीधे एलआईसी से संपर्क कर सकते हैं और रकम प्राप्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद फॉर्म भर कर केवाईसी की औपचारिकताएं पूरी कर अनक्लेम्ड अमाउंट के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें कि किसी भी धोखाधड़ी के दावों से बचने के लिए KYC अनिवार्य है.

ऐसे चेक करें अनक्लेम्ड अमाउंट
सबसे पहले LIC की वेबसाइट के होम पेज पर जाएं.
वेबसाइट खुलने के बाद आप पेज के सबसे नीचे जाएं.
यहां आप Unclaimed Amounts of Policyholders पर क्लिक करें.
क्लिक करने के बाद आपको नया पेज खुलेगा.
यहां आप अपनी डिटेल भर कर चेक कर सकते हैं.

Translate »
Scroll to Top