भारत सरकार ने न्यायाधीशों के वेतन भत्तों और सेवा नियमों के अधिनियम 1958 में संशोधन किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट जजेज रूल्स 1959 में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं। सरकार ने नियमों में बदलाव कर सुप्रीम कोर्ट के जजों की सुविधाओं और सेवाओं को बढ़ा दिया है।
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को रिटायरमेंट के बाद भी कई सेवाएं और सुविधाएं बढ़ाने का फैसला किया है। नए प्रावधानों के तहत सुप्रीम कोर्ट के ब्रांच ऑफिसर के समकक्ष अधिकारी रिटायर्ड जज के सहायक सचिव के तौर पर एक साल के लिए सेवा में रहेंगे।
इसके अलावा उनको रिटायरमेंट के बाद अगले साल भर के लिए आवास पर 24 घंटे सुरक्षा भी मिलेगी। यह सुविधा नियमित सुरक्षा के अतिरिक्त होगी. रिटायर्ड सीजेआई और जजों को एयरपोर्ट पर बने सेरेमोनियल लाउंज में प्रोटोकॉल सुविधा भी मिलेगी।
रिटायरमेंट के बाद मिलेगा टाइप 7 बंगला-
संशोधन के तहत अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को सेवानिवृत्ति के बाद अगले छह महीने तक टाइप VII बंगले में आवास की सुविधा मिलेगी। ये सुविधा उनके सेवाकाल वाले बंगले से अलग होगी।
रिटायर्ड न्यायाधीशों को भी मिलेंगे शोफर-
रिटायर्ड चीफ जस्टिस और अन्य जजों को रिटायरमेंट के बाद एक साल तक शोफर (ड्राइवर) की सुविधा मिलेगी. शोफर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रेगुलर स्टाफ के तौर पर रिटायर्ड जजों की सेवा में रहेंगे।
भारत सरकार का अधिनियम में संशोधन-
सरकार ने जजों के वेतन भत्तों और सेवा नियमों के अधिनियम 1958 में संशोधन किया है। सुप्रीम कोर्ट जजेज रूल्स 1959 में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं। अब इसे सुप्रीम कोर्ट जजेज (अमेंडमेंट) रूल्स 2022 के नाम से भी जाना जा सकता है। ये सभी संशोधन केंद्र सरकार के गजट में अधिसूचित होते ही लागू हो गई हैं।