तालिबान सरकार के गठन के बाद वह खुद को आतंकी संगठनों से अलग कर लेंगे : विदेश मंत्री चीन

taliban china

बीजिंग : तालिबान ने अफगानिस्तान पर काबिज होने के लिए आतंकी संगठनों का सहारा लिया था। तो वहीं दूसरी तरफ चीन तालिबान से उम्मीद लगा रहा है कि वह देश में सरकार के गठन के बाद खुद को आतंकवादी समूहों से अलग कर लेगा।

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन से पहले, तालिबान उग्रवादियों द्वारा किया गए अत्याचारों से लोगों में खौफ है और आम नागरिक देश छोड़ कर भाग रहे है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई सरकार समावेशी होगी और वह खुद को आतंकी समूहों से अलग कर लेंगे।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी मंत्री ने शुक्रवार को ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ एक फोन कॉल के दौरान यह टिप्पणी की। अफगानिस्तान पर यह बयान एक वरिष्ठ चीनी नेता द्वारा समूह को सूचित करने के कुछ दिनों बाद आया है कि बीजिंग काबुल से अपने दूतावास को वापस नहीं बुलाएंगा।

चीन ने तालिबान के प्रतिनिधिमंडल को बताया था कि पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सीधा खतरा है और इटीआइएम का मुकाबला करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक सामान्य जिम्मेदारी है।

इटीआइएम, जिसे तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है, अफगानिस्तान में सक्रिय एक जातीय उइघुर समूह है, जिसने लंबे समय से शिनजियांग के लिए स्वतंत्रता की मांग की है, जिसे वह भविष्य में पूर्वी तुर्किस्तान के रूप में देखता है।

तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में आर्थिक वापसी के लिए चीन से वित्तपोषण पर निर्भर करेगा। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित एक इतालवी समाचार पत्र में कहा था कि तालिबान चीन की मदद से आर्थिक वापसी के लिए लड़ेगा।

ALSO READ -  Medical Insurance Policy पर सुप्रीम कोर्ट का लैंडमार्क निर्णय, कहा - "बीमा किया है ~ क्लेम देना ही होगा"

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता ने साक्षात्कार में कहा चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण साझेदार है और हमारे लिए एक मौलिक और असाधारण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि यह हमारे देश में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है।एएनआइ

Translate »