इलाहाबाद HC ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर दर्ज केस रद्द करने से इंकार करते हुए कहा कि उनके इस कृत्य से दंगा भी भड़क सकता था

इलाहाबाद HC ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर दर्ज केस रद्द करने से इंकार करते हुए कहा कि उनके इस कृत्य से दंगा भी भड़क सकता था

  • इस कारण से जनता के मन में अशांति पैदा हुई और एक हिंदू धर्म के विभिन्न वर्गों में शत्रुता और वैमनस्य की भावना पैदा हो गई
  • स्वामी प्रसाद मौर्य के कथित कृत्य ने लोगों को दंगा भड़काने के लिए उकसाया

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को सोमवार 6 नवंबर 2023 को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर उनकी कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामले में आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है।

हाईकोर्ट का कहना है कि स्वस्थ आलोचना का मतलब यह नहीं है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो लोगों को अपराध करने के लिए प्रेरित करें। कोर्ट में कहा गया कि मौर्य ने कथित तौर पर रामचरितमानस की दो चौपाइयों को दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई थी। ये चौपाइयों हैं- “ढोल गंवार सूद्र पसु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी”, “पूजिअ बिप्र सील गुन हीना, सूद्र न गुन गन ज्ञान प्रवीना।”

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था?

रामचरितमानस के बारे में मौर्य ने कथित तौर पर कहा था कि इसे तुलसीदास ने आत्म-प्रशंसा और अपनी खुशी के लिए लिखा था, लेकिन धर्म के नाम पर दुर्व्यवहार क्यों? दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को गालियां, उनकी जातियों का नामकरण करके उन्हें शूद्र बताया। क्या गाली देना धार्मिक है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कुछ कहा?

सपा नेता मौर्य के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि (कथित) बयान के कारण, देश में कुछ अन्य नेता सर्वसम्मति से रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के लिए सहमत हुए और उन्होंने हिंदू समाज के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। जिसके कारण जनता के मन में अशांति पैदा हुई और एक हिंदू धर्म के विभिन्न वर्गों में शत्रुता और वैमनस्य की भावना पैदा हो गई।

ALSO READ -  ऋण चुकाने के बाद उधारकर्ता के मकान के 'टाइटल डीड' को बैंक सिर्फ इसलिए नहीं रख सकता क्योकि उसने दूसरा लोन ले रखा है - हाई कोर्ट

मौर्य के कथित कृत्य से “दंगा” भड़क सकता था-

कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि (मौर्य के कथित कृत्य ने) लोगों को दंगा भड़काने के लिए उकसाया। इन कृत्यों के कारण श्रीरामचरितमानस, जिसे एक बड़े वर्ग द्वारा पवित्र पुस्तक माना जाता है, इसकी प्रतियां जलाकर क्षतिग्रस्त की गई।

Translate »
Scroll to Top