Mv Act Allahabad High Court

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दुर्घटना में मारे गये युवक के मामले में बीमा कंपनी को दिया 33 लाख 50 हजार रुपए मुआवजा देने का निर्देश-

अधिकरण ने दो लाख 30 हजार 400 रुपये आठ फीसदी ब्याज सहित मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया था। मामले के तथ्यों के अनुसार 20 जुलाई 2004 को अभिषेक की दिल्ली-रायबरेली सड़क पर दुर्घटना में मौत हो गई। जिसके कारण मुआवजे का दावा किया गया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय Allahabad High Court ने एक युवक की ट्रक दुर्घटना में हुई मौत पर नेशनल बीमा कंपनी National Insurance Company को 33 लाख 50 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि एक युवक की दुर्घटना में मौत किसी भी माता-पिता व उसके परिवार के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं है।

माता पिता के जीवित रहते युवा बेटे की मौत होजाने पर होने वाले दुख और मानसिक पीड़ा की हम कल्पना ही कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि मां ने पहले अपना इकलौता बेटा खोया, उसके बाद पति की भी मौत हो गई। वह अपना शेष जीवन अकेले संघर्षों में किस तरह बिता रही है इसे हम अच्छे से समझ रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि ट्रक की स्पीड ज्यादा नहीं थी-

इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने बीमा कंपनी को अधिकरण के अवार्ड से आठ फीसदी ब्याज भी देने का निर्देश दिया है। साथ ही बीमा कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ट्रक की अधिक स्पीड नहीं थी।

वह 50 किमी की रफ्तार से चल रहा था। कोर्ट ने कहा लापरवाह पूर्ण ड्राइविंग को हमेशा तेज रफ्तार से जोड़ा नहीं जा सकता।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की खंडपीठ ने डॉक्टर अनूप कुमार भट्टाचार्य (मुकदमे के दौरान मृत) और लीना भट्टाचार्य की अपील पर दिया।

कोेर्ट ने कहा कि दुर्घटना में बीमा कंपनी को उचित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए-

अवार्ड के खिलाफ दाखिल अपील में अपीलार्थी का कहना था कि ट्रक ड्राइवर घोर लापरवाही से ट्रक चला रहा था और वह बीमित था। ऐसे में बीमा कंपनी को उचित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए।

वहीं बीमा कंपनी का कहना था कि एक चश्मदीद ने ट्रक का कुछ दूर तक पीछा भी किया। रफ़्तार 50 किलोमीटर ही थी, जिसे अधिक रफ्तार नहीं कहा जा सकता है।

अधिकरण ने दो लाख 30 हजार 400 रुपये आठ फीसदी ब्याज सहित मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया था। मामले के तथ्यों के अनुसार 20 जुलाई 2004 को अभिषेक की दिल्ली-रायबरेली सड़क पर दुर्घटना में मौत हो गई। जिसके कारण मुआवजे का दावा किया गया था।

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