50 से ज्यादा केस और सजा किसी में नहीं? मुख्तार अंसारी को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायलय Allahabad High Court ने मंगलवार को की सख्त टिप्पणी, माफिया मुख्तार अंसारी Mukhtar Ansari को कानून व्यवस्था Law & Order के लिए कलंक और चुनौती करार दिया है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय Allahabad High Court ने मंगलवार को माफिया मुख्तार अंसारी Mukhtar Ansari को लेकर बहुत तीखी प्रतिक्रिया की. सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को कानून व्यवस्था Law & Oredr के लिए कलंक और चुनौती करार दिया है.
हाई कोर्ट High Court ने अंसारी के जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी को कानून व्यवस्था के लिए कलंक और चुनौती करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और तीन नौकरशाहों की कमेटी से विधायक निधि के दुरुपयोग का ऑडिट कराया जाए. वहीं कोर्ट मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है.
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि 58 वर्ष 58 years old की उम्र के व्यक्ति पर 54 मुकदमे 54 Cases दर्ज होना अपने आप में बहुत कुछ कहता है. वह ऐसे ही किसी परिचय का मोहताज नहीं है, जो आदतन अपराधी Habitual Criminal है और 1986 से अपराध की दुनिया में सक्रिय है लेकिन उसे अब तक एक भी मामले में सजा नहीं हो पाई. यह अद्भुत और दिलचस्प पहलू है. साथ ही न्यायिक प्रक्रिया Judicial Proceeding के लिए एक कलंक और चुनौती भी है कि ऐसे सफेदपोश अपराधी White-collar Criminal जिस पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, उसके खिलाफ अब तक कुछ नहीं किया जा सका.
क्या है मामला?
विधायक निधि MLA Fund के दुरुपयोग Misuse के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad high Court ने पूर्वांचल के माफिया डान मुख्तार अंसारी बड़ा झटका दिया. उच्च न्यायालय ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 20 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 20 मई को अपने सुरक्षित रखे फैसले सुनाया है. बाहुबली मुख्तार अंसारी पर विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है. उनके खिलाफ मऊ के सराय लखंसी थाने में 24 अप्रैल 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
क्या है आरोप?
मुख्तार अंसारी पर धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120 बी आईपीसी IPC के तहत मुकदमा दर्ज है. इस केस में मामले में मुख्तार अंसारी के साथ चार अन्य आरोपी बनाए गए हैं. मऊ के राम सिंह ने 24 अप्रैल 2021 को मुख्तार और आनंद यादव, उसके पिता बैजनाथ यादव व संजय सागर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने, आपराधिक षड्यंत्र रचने आदि आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई. आरोप लगाया कि मुख्तार ने अपनी ही पार्टी कौमी एकता दल के जिलाध्यक्ष आनंद यादव को नया जूनियर हाईस्कूल बनवाने के लिए अपनी विधायक निधि से 25 लाख रुपये दिए. बाद में जांच में पता चला कि कोई विद्यालय नहीं बनाया गया और जिस जमीन पर विद्यालय बनाने का प्रस्ताव था, जांच में उस जमीन पर खेती होते पाया गया. बाहुबली मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद हैं.
विधायक निधि की रकम का क्या उपयोग किया गया, यह अब तक नहीं पता चला. कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर मामला मानते हुए कहा कि विधायक निधि किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है. यह जनता द्वारा दिए गए टैक्स का पैसा है, जिसका मनमाना उपयोग नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जिस कार्य के लिए विधायक निधि दी गई थी, वहां एक ईंट भी नहीं रखी गई.
कोर्ट ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह विधानसभा अध्यक्ष की अगुवाई में तीन वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर मुख्तार अंसारी द्वारा खर्च की गई विधायक निधि का ऑडिट कराएं क्योंकि विधायक निधि का इस प्रकार से वितरण समाज के लिए ज्यादा नुकसानदायक है.