🕉️ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ अनियमितताओं की जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
⚖️ मामले की पृष्ठभूमि:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज महाकुंभ मेले में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया है।
📝 मुख्य बिंदु:
- याचिका दायर करने वाले:
- याचिकाकर्ता केशर सिंह, योगेंद्र कुमार पांडे और कमलेश सिंह।
- अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क प्रस्तुत किए।
- कोर्ट का फैसला:
- मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने आदेश जारी किया।
- अदालत ने याचिका को “निराधार” मानते हुए इसे खारिज कर दिया।
- याचिका की मांगें:
- महाकुंभ मेले में हुई अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही की सीबीआई जांच।
- मेला क्षेत्र में भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा।
- गंगा जल की अशुद्धि पर रिपोर्ट और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई।
- प्रशासनिक पक्ष:
- राज्य सरकार और 13 अन्य प्रतिवादियों को नामित किया गया।
- सरकार की ओर से AAG मनीष गोयल और अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता AK गोयल ने पक्ष रखा।
📌 प्रमुख प्रतिवादी:
- डीआईजी महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण
- डिजिटल कुंभ इलेक्ट्रॉनिक्स नियंत्रक आईपीएस अजय पाल शर्मा
- तुलसी पीठ के स्वामी राम भद्राचार्य
- बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री
- यूपी विद्युत लिमिटेड
- प्रयागराज संभागीय आयुक्त
- जिला मजिस्ट्रेट
- एसएसपी मेला
- डीसीपी ट्रैफिक
- महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण
✅ अदालत का तर्क:
- याचिका में लगाए गए आरोप पर्याप्त साक्ष्यों पर आधारित नहीं थे।
- प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं मिला।
🔖 निष्कर्ष:
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन महाकुंभ मेले के प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर सवाल बने हुए हैं।
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