उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रशासन में बड़ा फेरबदल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के करीब 1000 जजों का किया तबादला
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में न्यायिक ढांचे में एक बड़े प्रशासनिक फैसले के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करीब 1000 ट्रायल कोर्ट न्यायिक अधिकारियों का तबादला कर दिया है। हाईकोर्ट की ओर से इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिससे प्रदेशभर की निचली अदालतों में व्यापक बदलाव तय माने जा रहे हैं।
30 मार्च को भी हुआ था बड़े पैमाने पर स्थानांतरण
इससे पहले 30 मार्च, 2025 को भी हाईकोर्ट ने 582 न्यायिक अधिकारियों के तबादले की वार्षिक सूची जारी की थी, जिसमें शामिल थे:
- 236 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,
- 207 सिविल जज (सीनियर डिवीजन), और
- 139 सिविल जज (जूनियर डिवीजन)।
हालांकि, इन अधिकारियों को कब तक अपना कार्यभार छोड़ना है, इस विषय में अभी कोई स्पष्ट निर्देश अथवा समय-सीमा अधिसूचना में नहीं दी गई है।
कानपुर में हुआ भारी बदलाव
कानपुर नगर जिले की बात करें तो यहां 11 नए अपर जिला जज, 9 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और 3 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) को तैनाती मिली है।
वहीं दूसरी ओर, यहां से 13 अपर जिला जज और 7 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) का स्थानांतरण कर दिया गया है।
पारिवारिक न्यायालयों में भी व्यापक बदलाव
कानपुर स्थित पारिवारिक न्यायालयों में भी अहम बदलाव देखने को मिले हैं। यहां के प्रधान न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने और बाकी चारों न्यायाधीशों के स्थानांतरण के चलते पारिवारिक अदालतों के सभी पीठासीन अधिकारी पूरी तरह बदल गए हैं। इसका सीधा असर न्यायिक प्रक्रियाओं पर पड़ना तय माना जा रहा है।
प्रशासनिक उद्देश्य और संतुलन की कवायद
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यह स्थानांतरण वार्षिक प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य न्यायिक संतुलन बनाए रखना, कार्य दक्षता बढ़ाना और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है।
हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर न्यायिक अधिकारियों का तबादला निश्चित ही मुकदमों की सुनवाई, लंबित मामलों और न्याय प्रक्रिया की गति पर तात्कालिक प्रभाव डालेगा, लेकिन न्यायिक प्रशासन में ताजगी और पारदर्शिता लाने की दिशा में यह आवश्यक कदम भी माना जा रहा है।
https://www.allahabadhighcourt.in/event/Not_No_806_to_1105_dt_08_04_2025.pdf
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