Phc Sc 3256987

जिला जज के चैंबर में मारपीट का आरोप: SC का CJ पटना HC को निर्देश- पुलिस अफसर की शिकायत पर करें विचार

जिला जज के चैंबर में कथित मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने पटना हाईकोर्ट Patna High Court के मुख्य न्यायमूर्ति CJ को निर्देश दिया है कि वह पुलिस अधिकारी की शिकायत पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लें और जिला जज के चैंबर में मारपीट के आरोप वाली पुलिस अधिकारी की शिकायत पर विचार करें। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति को न्यायिक अनुशासन के महत्व को ध्यान में रखते हुए फैसला करना चाहिए।

याचिकाकर्ता गोपाल कृष्ण ने पटना उच्च न्यायालय के 31 अगस्त के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसमें उसने जिला न्यायाधीश के खिलाफ दायर शिकायत में क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने सोमवार को कहा कि अगर आरोप सही हैं तो अदालत इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती।

न्यायमूर्ति एम.आर.शाह और न्यायमूर्ति सी.टी.रवि कुमार की बेंच ने पुलिस अधिकारी गोपाल कृष्ण और अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। जिला जज के चैंबर में मारपीट के आरोप वाली शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोप सही है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। दरअसल, याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट के 31 अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें ADJ अविनाश कुमार के खिलाफ दायर शिकायत में लगाई गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया था।

दीपक राज नाम के व्यक्ति की पत्नी उषा देवी ने शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता, जो घोघरडीहा थाने के SHO थे, ने उनको और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, 18 नवंबर 2021 को ADJ अविनाश कुमार के कमरे में उन्हें बुलाया गया था। कमरे के अंदर उनको अपमानित किया गया और गाली-गलौज की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दीपक राज और कोर्ट के अन्य अधिकारियों ने पीटा था। जान बचाने के लिए खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था। शरीर से खून बह रहा था और वर्दी फटी हुई थी।

ALSO READ -  सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य से कहा की जब आपराधिक कार्यवाही को ही रद्द कर दिया गया तो मामले की क्लोजर रिपोर्ट कैसे हो सकती है-

ADJ के खिलाफ FIR 20 जून को काफी देर से दर्ज की गई, जबकि घटना के बाद नवंबर 2021 में ADJ अविनाश कुमार ने याचिकाकर्ता के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जून में उन्हें जमानत मिली। याचिकाकर्ता ने जो FIR दर्ज कराई थी, उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

हाईकोर्ट ने कहा कि ADJ के खिलाफ बिना मुख्य न्यायमूर्ति की अनुमति के FIR दर्ज कर अदालत की अवमानना की गई है। कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने क्लोजर रिपोर्ट दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और निचली अदालत को कार्यवाही बंद करने का निर्देश दिया।

इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार ने अवमानना की धमकी के तहत क्लोजर रिपोर्ट लगाई।

कोर्ट ने कहा “उच्च न्यायालय में क्या हो रहा है? हम नहीं जानते कि क्या सही है और क्या गलत। लेकिन अगर यह सच है, तो हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?”

इसलिए, अदालत ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत पर गौर करने और स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का निर्देश दिया।

केस टाइटल – गोपाल कृष्ण और अन्य बनाम बिहार राज्य

Translate »
Scroll to Top