उत्तर प्रदेश में गैर-लाइसेंसी हथियारों Unlicensed Weapons in Uttar Pradesh के चलन को रोकने और उससे होने वाली परेशानियों पर सुप्रीम कोर्ट Supreme Court काफी गंभीर है।
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने इन हथियारों को लेकर कड़ी टिप्पणी भी की है और यूपी के अलावा बिहार, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस के गन रखने और इस्तेमाल करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यह भी कहा है कि यह भारत है अमेरिका नहीं, जहां हथियार रखना मौलिक अधिकार हो।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस के गन रखने और इस्तेमाल करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए पूछा है कि यूपी सरकार बताए कि इसको लेकर कितने केस दर्ज हुए हैं? राज्य सरकार ने गैर-लाइसेंसी हथियारों Unlicensed Weapons पर रोक के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
कोर्ट ने पूछा कि आखिर क्यों उत्तर प्रदेश में हथियारों Weapons से जुड़ी इतनी वारदात होती हैं। इतना ही नहीं गैर लाइसेंसी हथियारों पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में वरिष्ठ वकील एस नागमुत्थु को एमिकस क्यूरी Amicus curiae नियुक्त किया गया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगली सुनवाई सोमवार को होगी। दरअसल पिछली सुनवाई में मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यूपी में गैर-लाइसेंसी हथियारों का चलन परेशान करने वाला है।
कोर्ट ने ये कदम बागपत इलाके में हुई 2017 में हत्या के मामले के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उठाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमानत याचिका खारिज करने के बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।