DCP क्राइम नोएडा ने बताया की नोएडा पुलिस द्वारा एक ATM क्लोनिंग करने वाले गैंग के बारे में जानकारी मिली थी। मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास एक लैपटॉप, ATM में लगाने का उपकरण और 2,50,000 रुपये बरामद किए गए।
ये गिरोह ATM मशीन में उपकरण लगाकर कार्ड की डिटेल कॉपी करके नया कार्ड क्लोन करते थे। गिरोह एटीएम रूम की छत पर एक खुफिया कैमरा फिट कर देता है। इस कैमरे की मदद से उपभोक्ता के पिनकोड को कैप्चर कर लिया जाता है। एटीएम का कोड पता चलते ही गिरोह कार्ड का क्लोन तैयार करने में जुट जाता है।
ATM गिरोहों द्वारा कैसे तैयार होता है एटीएम का क्लोन
क्लोन एटीएम से खाता खाली करने वाला गिरोह ज्यादातर सुनसान इलाकों में मौजूद एटीएम को अपना निशाना बनाते हैं। पहले एटीएम मशीन के कार्ड स्वैपिंग स्लॉट पर एक विशेष मैगनेटिक डिवाइस लगा दी जाती है। यह डिवाइस एटीएम कार्ड के बारकोड और चिप की सारी इंफॉर्मेशन को कॉपी कर लेती है। साथ ही डिवाइस में कार्ड का ब्लूप्रिंट तैयार हो जाता है। इसके अलावा एटीएम मशीन के कीपैड को सीपीयू और कार्ड रीडर से जोड़कर भी एटीएम की क्लोनिंग की जाती है। इसके बाद सॉफ्टवेयर की मदद से एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया जाता है।