प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना किया जाना व्यावहारिक रूप से उचित है-
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने आगरा में हाई कोर्ट की खंडपीठ की स्थापना को लेकर कहा कि विधि मंत्रालय के पास जज जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है ।
रिजिजू ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इलाहाबाद हाई कोर्ट की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जायेगी. मंत्रालय ने उच्च न्यायालय स्थापना संघर्ष समिति को वार्ता के लिए दिल्ली भी आमंत्रित किया है ।
रिजिजू ने कहा कि केंद्रीय विधि राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद एस. पी. सिंह बघेल से भी चर्चा हुई है । बघेल ने कहा कि आगरा उनका संसदीय क्षेत्र है । प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना किया जाना व्यावहारिक रूप से उचित है ।
केंद्रीय कानून मंत्री के कथन के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ के अवध बार एसोसिएशन ने अपने संकल्प दिनांक 22/11/2022 के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को फिर से निर्धारित करने और जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए केंद्र के साथ चर्चा करने का संकल्प लिया है।
अवध बार अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक-
अवध बार अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में, कानून मंत्री किरन रिज्जू के बयान का संदर्भ दिया गया है कि केंद्र सरकार आगरा में इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक पीठ की स्थापना के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रही है।
अवध बार एसोसिएशन ने आयोग की रिपोर्ट के दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए केंद्र के साथ इस मुद्दे को उठाने का संकल्प लिया है। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय की कोई अन्य सीट स्थापित करने से पहले क्षेत्राधिकार बढ़ाने का कार्य पूरा करने की आवश्यकता है।
लखनऊ और इलाहाबाद में उच्च न्यायालय में उपलब्ध सभी सुविधाओं के साथ-साथ यूपी राज्य की भौगोलिक स्थिति को संदर्भित देते हुए क्षेत्राधिकार तय करने पर विचार की माँग की गयी है।
अवध बार का कहना है कि-
लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक ओर विशाल और “अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध है, जिसे हजारों करोड़ सार्वजनिक करदाताओं के पैसे का निवेश करके बनाया गया है और अनुपयोगी छोड़ दिया गया है और लगभग आधि अदालत कक्ष और बुनियादी ढांचा तैयार कर उपलब्ध है और दूसरी ओर इलाहाबाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहले से ही मामलों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए थोड़ी सी जगह खोजने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
संकल्प पत्र में कहा गया है कि-
इसलिए अवध बार एसोसिएशन उच्च न्यायालय की दो सीटों यानी लखनऊ और इलाहाबाद के क्षेत्राधिकार के पुन:आवंटन के लिए तत्काल विचार करने की मांग करता है।
अवध बार एसोसिएशन द्वारा जारी संकल्प के अनुसार बस्ती, आजमगढ़, गोरखपुर और कानपुर मंडल को लखनऊ बेंच के अधिकार क्षेत्र में आना चाहिए और यह भी कहा गया है कि उन क्षेत्रों के स्थानीय बार एसोसिएशन इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं।
निर्णय लिया गया है कि-
माननीय उच्च न्यायालय की दो सीटों के क्षेत्राधिकार के पुन: आवंटन में तेजी लाने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री माननीय श्री राज नाथ सिंह, सांसद से मिलने के लिए बार के वरिष्ठ और जिम्मेदार सदस्य के एक प्रतिनिधिमंडल का गठन करने के लिए अध्यक्ष और महासचिव को अधिकृत किया गया हैं, जो माननीय विधि केंद्रीय मंत्रीसे मिलके अपनी माँग रखेंगे।