Batla House Encounter 2008 : वर्ष 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर मामले Batla House Encounter Case में आतंकी आरिज खान Terrorist Ariz Khan को फांसी नहीं होगी। दिल्ली उच्च न्यायलय Delhi High Court ने इस मामले में दोषी आरिज खान की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला।
इस मामले में निचली अदालत ने आरिज को दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी।
जानकारी हो की वर्ष 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में आरिज खान ने दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की थी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा के डिवीजन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया। अदालत ने खान की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
मार्च 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि उनका मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है और इसलिए अधिकतम मौत की सजा दी जानी चाहिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरिज खान और दिल्ली पुलिस के वकील को सुनने के बाद अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जाने क्या है बटला हाउस एनकाउंटर केस?
19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की एक टीम इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी को पकड़ने के लिए बाटला हाउस पर छापेमारी कर रही थी। इन आतंकवादियों पर एक सप्ताह पहले दिल्ली में कई स्थानों पर हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में शामिल होने का आरोप था। इन धमाकों में कम से कम 30 लोग मारे गए था। दिल्ली पुलिस की टीम बाटला हाउस पहुंची तो गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस टीम घर के ड्राइंग-रूम में फंस गई और आत्मरक्षा में गोली चलाने के लिए मजबूर हो गई। गोलीबारी के दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा और अन्य पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। जबकि ड्राइंग रूम में मौजूद आतंकवादियों में से एक को गोली लगी, आरिज खान सहित उनमें से दो मुख्य दरवाजे से फ्लैट से भागने में सफल रहे।
2009 में आरिज खान क अपराधी घोषित किया गया था. साल 2018 में आरिज खान को गिरफ्तार कर लिया गया. निचली अदालत में ट्रायल चला। उसके बाद अदालत ने आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई थी। साथ ही खान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। जिसमें से 10 लाख रुपए मृतक पुलिस अधिकारी की पत्नी को मुआवजे के रूप में दिए जाने थे।