POCSO COURT का बड़ा और त्वरित निर्णय, बच्ची के साथ रेप और फिर हत्या के दोषी शख्स को सजा-ए-मौत-

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विशेष पॉक्सो कोर्ट की वजह से, जहां त्वरित कार्यवाही कर दोषी को सजा सुनाई गई है-

भारत में अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि न्यायालय में न्याय मिलने पर काफी वक्त लगता है और लोगों को मिलती है सिर्फ तारीख पर तारीख कई बार खबरें आती हैं कि किसी व्यक्ति को 30-40 साल बाद न्याय मिलता है ।

लेकिन, उत्तर प्रदेश में एक मामला सामने आया है, जहां एक रेप एंड मर्डर केस में सिर्फ 140 दिन में पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है । उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बच्ची के साथ रेप और फिर हत्या के दोषी शख्स को सजा-ए-मौत सुनाई गई है और केस का निपटारा सिर्फ 140 दिन में ही हो गया है ।

विशेष पॉक्सो कोर्ट का बड़ा फैसला और त्वरित निर्णय-

यह संभव हुआ है विशेष पॉक्सो कोर्ट की वजह से, जहां त्वरित कार्यवाही कर दोषी को सजा सुनाई गई है । वैसे आम तौर पर रेप पीड़ित या उनके परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ता है । ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये पॉक्सो कोर्ट क्या है और किस तरह इसमें इतनी जल्दी केस का निपटारा कर दिया गया है ।

बुलंदशहर जिले की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायाधीश पल्लवी अग्रवाल ने दुष्कर्म के बाद आठ साल की बच्ची की गला रेतकर हत्या करने और शव अपने आंगन में दफन कर देने के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

न्यायमूर्ति पल्लवी अग्रवाल ने आरोपी हरेंद्र को फांसी की सजा के साथ 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फैसला घटना के 140 दिन बाद आया है। पीड़िता के पिता इस फैसले पर खुश हैं और कहा कि आरोपी के फांसी पर लटकने पर ही उन्हें सुकून मिलेगा।

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मामला विवरण

दरअसल, घटना अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की है। जहां गत 25 फरवरी को एक व्यक्ति की पत्नी और दो बेटियां खेत पर काम करने के लिए गए हुए थे। खाना खाने के बाद एक बच्ची पानी पीने के लिए पास में ही हरेंद्र के घर में चली गई थी। काफी देर बाद परिजनों को बच्‍ची नहीं मिली तो पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस को बच्ची का शव हरेंद्र के घर के आंगन में दबा मिला।

इस मामले में आरोपी हरेंद्र 3 मार्च को शिमला से गिरफ्तार किया गया था। हरेंद्र ने कबूला था कि उसने शराब पीने के बाद बच्ची से दुष्‍कर्म किया था। पकड़े जाने के डर से मुंह दबाकर बच्ची की हत्या कर दी और उसे आंगन में गड्ढे में दबाकर फरार हो गया था।

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट बनाकर स्‍थानीय कोर्ट में पेश किया था और आरोपित हरेंद्र को जेल भेज दिया था। पॉक्‍सो कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी।

गुरुवार को इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया। एडीजीसी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने हरेंद्र को दोषी पाते हुए हत्या, दुष्‍कर्म और पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर कुल 1.20 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।

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