नागपुर बेंच बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बलात्कार पीड़िता को अपनी 25 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी, यह देखते हुए कि बलात्कार से गर्भावस्था लड़की के मानसिक स्वास्थ्य के लिए पीड़ा और गंभीर चोट का कारण बनेगी।
बेंच ने मेडिकल बोर्ड की राय पर भरोसा किया कि चूंकि लड़की अविवाहित है, इसलिए गर्भावस्था जारी रखने से लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान होगा।
चूंकि गर्भावस्था का जीवन मेडियल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट [ Medical Termination of Pregnancy Act, 1971 as amended by the Medical Termination of Pregnancy (Amendment) Act, 2021] के तहत निर्धारित 24-सप्ताह की समय सीमा से अधिक था, इसलिए अदालत ने गर्भवती महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम का आकलन करने के लिए एक पंजीकृत चिकित्सक की राय को ध्यान में रखा था।
न्यायमूर्ति एसबी शुक्रे और न्यायमूर्ति एएल पानसरे की बेंच ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाया जिसमें कहा गया था कि चूंकि लड़की अविवाहित है, गर्भावस्था की संरचना लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाएगी और यदि बच्चा दिया जाता है तो उसे कोई उचित देखभाल नहीं मिल पाएगी।
न्यायालय ने निम्न केस का अवलोकन कर अपने निर्णय को पुष्ट किया।
- We are supported in our such view by following cases:-
(1) “ABC” Vs. State of Maharashtra and ors. reported in 2019 (5) Mh.L.J.(Cri.) 731,
(2) Sumaiya Imran Shaikh and another Vs. State of Maharashtra and ors. reported in 2019 SCC OnLine Bom 4661,
(3) Sunaina Avadhesh Prasad Vs. State of Maharashtra and ors reported in 2020 SCC OnLine Bom. 7362,
(4) Rescue Foundation through its Superintendent Sharda Khulat and anr Vs. State of Maharashtra and ors. reported in 2021 SCC OnLine Bom 1384,
(5) Pramod A. Solanke Vs. Dean of B.J.Govt. Medical College and Sasoon Hospital, Pune reported in 2020 SCC OnLine Bom.639 and
(6) X Vs. State of Maharashtra reported in 2019 SCC OnLine Bom 9965.
लड़की की ओर से पेश वकील एसएच भाटिया ने अदालत को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता बलात्कार के कई कृत्यों की शिकार थी, जिसके परिणामस्वरूप उसकी गर्भावस्था हुई, जो अब 25-26 सप्ताह तक पहुंच गई है।
Case Title – Ms X Vs. State of Maharashtra
Case No. – WRIT PETITION NO. 543 OF 2022
Coram – Justice ANIL L. PANSARE Justice SUNIL B. SHUKRE