बॉम्बे हाईकोर्ट: अनावश्यक अर्जेंसी का हवाला देने पर वकील पर ₹10,000 का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट: अनावश्यक अर्जेंसी का हवाला देने पर वकील पर ₹10,000 का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग के लिए अनुचित मेंशनिंग करने पर एक वकील पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया है। अदालत ने पाया कि याचिका में अर्जेंसी का कोई वैध आधार नहीं था, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न हुआ।

कोर्ट का कड़ा रुख: अनावश्यक मेंशनिंग पर दंड

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने 4 फरवरी को ‘2019 में दायर’ एक आपराधिक अपील को मेंशन करने के लिए वकील पर दंडात्मक कार्रवाई की।

पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत पहले ही निर्देश दे चुकी थी कि यदि कोई याचिका बिना किसी वास्तविक अर्जेंसी के मेंशन की जाती है, तो वकील पर जुर्माना लगाया जाएगा।

इस निर्देश के बावजूद, अपीलकर्ता के वकील ने अपनी याचिका मेंशन की, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि मामला अर्जेंट नहीं था।

₹10,000 का जुर्माना: बार काउंसिल में करना होगा भुगतान

📌 अदालत ने आदेश दिया कि वकील को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा एडवोकेट एड फंड में ₹10,000 का भुगतान करना होगा।

📌 पीठ ने कहा, “चूंकि मेंशनिंग के बाद यह स्पष्ट हो गया कि अर्जेंसी का कोई आधार नहीं था, अतः वकील पर जुर्माना लगाया जाता है।”

📌 अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 फरवरी निर्धारित की है, लेकिन यह याचिका केवल तभी सुनी जाएगी जब वकील द्वारा जुर्माने की राशि जमा कर दी जाएगी।

अदालत की कार्यवाही में अनावश्यक देरी को लेकर सख्ती

🔹 हाईकोर्ट में दिन की शुरुआत में मेंशनिंग प्रक्रिया होती है, जहां वकील अर्जेंसी का हवाला देकर अपने मामलों को प्राथमिकता दिलाने की कोशिश करते हैं।

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🔹 अक्सर वकीलों की लंबी कतारें कोर्टरूम के बाहर तक पहुंच जाती हैं, जिससे पहले से सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई में देरी होती है।

🔹 न्यायाधीशों ने इस प्रवृत्ति पर आपत्ति जताते हुए स्पष्ट किया कि केवल वास्तविक अर्जेंसी वाले मामलों को ही मेंशन किया जाए।

न्यायपालिका का संदेश: अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं

इस आदेश से स्पष्ट है कि बॉम्बे हाईकोर्ट अनावश्यक मेंशनिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है।

कोर्ट ने दोहराया कि अनुचित अर्जेंसी का दावा करना न केवल न्यायिक समय की बर्बादी है, बल्कि यह अन्य महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई में भी बाधा डालता है।

यह फैसला उन वकीलों के लिए चेतावनी है जो अनुचित रूप से अर्जेंसी का हवाला देकर न्यायालय की प्रक्रियाओं में बाधा डालने का प्रयास करते हैं।

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