बॉम्बे हाईकोर्ट ने पलटा सेशन कोर्ट का फैसला, शक्ति मिल गैंगरेप केस में तीन दोषियों के फाँसी को आजीवन कारावास में बदला-

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महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ गैंगरेप के मामले में हाईकोर्ट से तीन आरोपियों को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।

जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने तीन दोषियों विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख और मोहम्मद अंसारी को राहत देते हुए मौत की सजा देने से इंकार कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि इन दोषियों द्वारा किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा जरूरी है।

महिला जर्नलिस्ट को बनाया था हवस का शिकार

दरअसल, महालक्ष्मी इलाके में सालों से बंद पड़ी यह मिल वीरान रहती है। उस दिन शाम के 6 बजे रहे थे। महिला पत्रकार और उसका साथी जब वहां पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें फोटो लेने से रोका। उन लोगों ने कहा कि पहले आप लोग हमारे अधिकारी से इजाजत लें तब फोटो लेना। फिर वे महिला पत्रकार और उसके साथी को अंदर ले गए। अंदर ले जाकर दोनों पर हमला कर महिला पत्रकार के साथी को वहीं बांध दिया।

साल 2013 के शक्ति मिल गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज (गुरुवार को) अपना अंतिम फैसला सुनाया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। करीब 8 साल पुराने मामले में महिला फोटोग्राफर से गैंगरेप के पांच आरोपियों में से तीन की फांसी की सजा को रद्द कर न्यायालय ने उम्रकैद में बदल दिया है। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने ये फैसला फांसी की सजा की मंजूरी के लिए महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया। 

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बता दें कि साल 2013 में किए गए इस जघन्य अपराध के लिए मुंबई सेशन कोर्ट ने 2014 में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। तीनों आरोपियों के नाम विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी है। गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान ने राज्य सरकार की याचिका पर अपना अंतिम फैसला सुनाया। 

आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। महिला फोटोग्राफर जर्नलिस्ट के अलावा तीनों आरोपियों ने शक्ति मिल में ही एक टेलीफोन ऑपरेटर से दुष्कर्म को अंजाम दिया था। आरोपियों पर शक्ति मिल गैंगरेप के 2 मामलों को लेकर सजा तय की गई है। 

शक्ति मिल गैंगरेप केस पुलिस ने 72 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को दबोचा

22 अगस्त 2013 को एक मैगजीन के लिए काम करने वाली महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल कंपाउंड में शाम तकरीबन 6 बजकर 45 मिनट पर गैंगरेप हुआ था। फिर 23 अगस्त 2013 को मामले में पहली गिरफ्तारी हुई थी। नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। 24 अगस्त 2013 को दूसरा आरोपी विजय जाधव गिरफ्तार हुआ था। इसी दिन कुछ घंटों बाद तीसरे आरोपी सिराज रहमान उर्फ सिरजू की भी गिरफ्तारी की गई थी। फिर 25 अगस्त 2013 को चौथे आरोपी कासिम बंगाली की गिरफ्तारी हुई थी।  25 अगस्त 2013 को पांचवां और मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद सलीम अंसारी गिरफ्तार किया गया था। 

इसके बाद 26 अगस्त 2013 को पीड़ित फोटो जर्नलिस्ट का बयान दर्ज किया गया था। 27 अगस्त 2013 को पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी मिली थी।  3 सितंबर 2013 को एक और पीड़िता सामने आई थी।  19 साल की टेलीफोन ऑपरेटर ने पुलिस को बताया कि 31 जुलाई को उसके साथ भी पांच लोगों ने गैंगरेप किया जिसमें पहले से गिरफ्तार तीन आरोपी शामिल थे।  

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