उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम, 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य सरकारें सीधी बिक्री से जुड़ी इकाइयों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाएंगी.–
केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 94 के साथ पठित धारा 101 की उप-धारा (2) के खंड (जेडजी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है.
ये नियम सीधी बिक्री के माध्यम से खरीदी या बेची गई सभी वस्तुओं और सेवाओं, सीधी बिक्री के सभी मॉडलों, भारत में उपभोक्ताओं को सामान और सेवाएं प्रदान करने वाली सभी सीधी बिक्री संस्थाओं, सीधी बिक्री के सभी मॉडलों में सभी प्रकार की अनुचित व्यापार कार्यप्रणालियों, एक सीधी बिक्री इकाई के लिए जो भारत में स्थापित नहीं है, लेकिन भारत में उपभोक्ताओं को सामान या सेवाएं प्रदान करती है, पर लागू होंगे.
मौजूदा सीधी बिक्री संस्थाओं को इन नियमों के आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से नब्बे दिनों के भीतर इन नियमों का पालन करना अपेक्षित है.
बिक्री के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले सीधे विक्रेताओं के साथ-साथ सीधी बिक्री संस्थाएं उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 की अपेक्षाओं का पालन करेंगी.
सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली कंपनियों की पिरामिड और धन प्रसार योजनाओं पर सरकार ने रोक लगा दी है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के अलावा ई-कॉमर्स मंचों पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले विक्रेता के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है. ऐसी सभी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इन नियमों का अनुपालन करना होगा. नए नियमों में इन कंपनियों को उनके विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम, 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य सरकारें सीधी बिक्री से जुड़ी इकाइयों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाएंगी.
एमवे, टपरवेयर और ओरिफ्लेम प्रमुख कंपनियां-
अब प्रत्यक्ष बिक्री वाले विक्रेता ‘धन प्रसार एवं पिरामिड’ योजनाएं नहीं चला सकेंगे. अभी तक ये कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं चलाती आ रही हैं. डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम की गिनती होती है. इन कंपनियों के संगठन ने नए नियमों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उद्योग को वैधता मिलेगी.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पहली बार डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन नहीं करने पर इन कंपनियों पर दंडात्मक कदम भी उठाए जाएंगे.’
पिरामिड योजनाओं को बढ़ावा नहीं दे सकेंगे–
नए नियमों के मुताबिक, डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां एवं डायरेक्ट विक्रेता पिरामिड योजनाओं को बढ़ावा नहीं दे सकेंगे और न ही वे किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार का हिस्सा बनने के लिए झांसा दे पाएंगे. अभी तक ये कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं चलाती आ रही हैं. इसके अलावा उन पर प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार के नाम पर धन प्रसार की योजनाएं चलाने पर भी रोक लगेगी.
कंपनियों ने नए नियम का किया स्वागत–
सरकार के इस कदम का डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों ने स्वागत करते हुए कहा कि नए नियम आने से अधिक स्पष्टता आएगी और इस कारोबार को वैधता मिलेगी. इसके अलावा आने वाले समय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लुभाने और नई तकनीक लाने में इससे मदद मिलेगी.
डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के संगठन आईडीएसए ने कहा कि इस कदम से करीब 70 लाख लोगों को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र को ताकत मिलेगी. आईडीएसए के प्रमुख रजत बनर्जी ने कहा, ‘हम नए नियमों का स्वागत करते हैं. हम पिछले दो वर्षों से सरकार को इस बारे में सुझाव देते रहे हैं. हम पूरे मन से इसका समर्थन करते हैं.’