कोर्ट ने 17 साल की लड़की की मौत के मामले में दोनों आरोपियों को अपहरण, हत्या, पॉक्सो और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के आरोपों से कर दिया बरी-

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Dwaraka Court Delhi : दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने दिसंबर 2016 में एक मर्सिडिज कार में हुई 17 साल की लड़की की मौत के मामले में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माना कि ये हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या थी.

दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने 17 साल की बच्ची के अपहरण और उसकी हत्या के मामले में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने दोनों को ये कहते हुए रिहा कर दिया कि बच्ची ने ‘आत्महत्या’ की थी, क्योंकि उसके हाथ में बंदूक मिली थी. Fast Track Court फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज नवजीत बुद्धिराजा ने दिल्ली पुलिस के दो इंस्पेक्टर राजबीर सिंह लांबा और नरेश सांगवान के खिलाफ जांच में चूक करने पर डिपार्टमेंट एनक्वायरी करने की सलाह भी दी है. कोर्ट ने ये भी कहा इन इंस्पेक्टर ने ‘मनगढ़ंत एफआईआर’ दर्ज की थी.

कोर्ट ने मृत बच्ची की मां, फोरेंसिक लैब के एक डॉक्टर और लड़की के एक दोस्त के खिलाफ भी आपराधिक कार्यवाही शुरू की है. ये तीनों इस घटना के ‘चश्मदीद गवाह’ थे और इन पर अदालत में झूठी गवाही देने के इल्जाम में सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी.

जानकारी हो की 20 दिसंबर 2016 को 17 साल की उस लड़की ने अपने दोस्त शुभम के साथ पार्टी में जाने का प्लान बनाया था. शुभम ने अपने एक और कॉमन फ्रेंड को बुलाया. जिसकी मर्सिडीज से तीनों पार्टी करने निकले. शाम करीब साढ़े सात बजे लड़की की मां ने फोन किया. लड़की ने बताया कि वो अपने दोस्त नितिन के साथ है. नितिन को लड़की की मां जानती थी. नितिन का लड़की के घर भी आना जाना था. रात करीब 8.30 बजे लड़की की मां ने फिर फोन किया और नितिन से बात कराने को बोला. शुभम ने लड़की की मां से नितिन बनकर बात की. मां को शक हुआ. उसने नितिन के नंबर पर कॉल की. नितिन ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी उसके साथ नहीं है. इसके बाद जब लड़की अपने घर के बाहर पहुंची तो नितिन भी वहां मौजूद था. शुभम ने लड़की से नितिन के साथ नजदीकियों को लेकर सवाल किए. और बात इतनी बढ़ गई कि शुभम ने लड़की को गोली मार दी. इसके बाद शुभम कार से उतर कर वहां से भाग निकला. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. एक आरोपी की ये मर्सिडिज कार थी, जिसमें लड़की का शव मिला था और दूसरे आरोपी के नाम वो बंदूक थी, जिससे लड़की की मौत हुई थी.

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इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि लड़की को शराब पिलाई गई थी और दोनों आरोपी उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश कर रहे थे. कोर्ट ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि आरोपी मृत लड़की से झगड़ रहे थे. एफआईआर में दावा किया गया था कि मुख्य आरोपी शुभम ने कार का दरवाजा खोला और लड़की को गोली मार दी.

दूसरे आरोपी योगेश को कोर्ट ने पिस्टल रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया है. हालांकि, कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अपहरण, हत्या, पॉक्सो और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के आरोपों से बरी कर दिया है

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