बैंको से लोन और शेयर मार्केट में भारी नुकसान के चलते वकील ने रची ऐसी साजिश कि चकरघिन्नी बन गई पुलिस, 20 दिन बाद हुआ अपहरण का खुलासा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस ने 20 दिन से गायब एक वकील को सकुशल बरामद कर लिया है। वकील ने खुद के अपहरण का ड्रामा रचा था। उसपर बहुत कर्ज हो गया था। इसलिए कर्जदारों से बचने के लिए उसने अपहरण की कहानी रची थी। लेकिन पुलिस ने अब इस घटना का खुलासा कर दिया है। हालांकि, इतने दिनों तक पुलिस उसे खोजने में काफी परेशान रही।

वकील का नाम सुरेंद्र पटेल है। वो 27 मार्च से गायब था। पुलिस को बताया गया कि वो किडनैप हो गया है। ऐसे में पुलिस शिद्दत से उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। जब बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि सुरेंद्र पर काफी कर्ज था। जिसपर जांच की दिशा बदली गई और पूरे मामले का खुलासा किया गया।

जानकारी के मुताबिक, बीती 27 मार्च से मंडुवाहडीह थाना क्षेत्र निवासी वकील सुरेंद्र पटेल संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। परिवार के लोग उसकी तलाश में जुटे थे, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था। इस पर परिजनों ने पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया था और एफआईआर FIR दर्ज कराई।

इस बीच पुलिस द्वारा वकील की बाइक बरामद कर ली गई। लेकिन, फिर भी उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा था। उधर, घटना से नाराज अधिवक्ताओं ने बनारस बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन के नेतृत्व में कई बार पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की। जिससे पुलिस पर दबाव बढ़ रहा था। अधिवक्ताओं ने कचहरी में हड़ताल भी की थी। इतना ही नहीं वकीलों ने वकील को सकुशल वापस लाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात तक की थी।

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फिलहाल, अब पुलिस ने खुद के ही अपहरण का ड्रामा रचकर 20 दिन से गायब वकील सुरेंद्र पटेल को प्रयागराज से सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, सुरेंद्र को भौतिक व तकनीकी साक्ष्यों की मदद से 15 अप्रैल को प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया गया। वकील के द्वारा ऐसा करने के पीछे जो वजह सामने आई वो कर्ज है। वकील के ऊपर कई बैंकों का लोन था, ऑनलाइन गेमिंग में भी काफी रुपये हार चुका था। इसलिए उसने खुद के अपहरण की साजिश रची। फिलहाल, बार काउंसिल की ओर से भी वकील के ऊपर कार्रवाई करने की जानकारी दी गई है।

डीसीपी ने बताया कि अधिवक्ता सुरेन्द्र पटेल ने साजिश के तहत OLX से पुराना मोबाईल खरीदा और उसी दिन उसमें नया सिम लगाया लेकिन किसी से बातचीत नहीं किया। उसने 27 मार्च को अपना नया व पुराना दोनों सिम बंद कर दिया और 28 मार्च को बिजनौर में जाकर नया सिम ऑन किया। इसके बाद 4 अप्रैल को हरियाणा, पंजाब व गुजराज होते हुए मुम्बई गया। डीसीपी ने आगे बताया कि 14 अप्रैल तक वह मुंबई में ही रहा, इसके बाद उसी दिन मध्य प्रदेश आया। मध्य प्रदेश में नया मोबाईल बन्द कर पुराना मोबाईल ऑन किया। उसके बरामदगी हेतु महाराष्ट्र व ग्वालियर के लिए पहले से ही टीमें रवाना किया गया था । तीसरी टीम द्वारा (सर्विलांस, एसओजी व थाना मण्डुवाडीह) तकनीकी निगरानी से जनपद प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया गया।

बताते चलें कि वाराणसी के भुल्लनपुर के रहने वाले अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पटेल ने अलग-अलग बैंक से लोन लिए हुए लगभग छह लाख रुपये शेयर मार्केट में गंवा दिए थे। इसके बाद उसे कुछ नहीं सूझा तो वह अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर गायब हो गया। गायब होने के 20वें दिन सोमवार की रात सुरेंद्र को कमिश्नरेट की एसओजी और मंडुवाडीह थाने की पुलिस की संयुक्त टीम ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया। रात लगभग 12 बजे पुलिस टीम अधिवक्ता को लेकर बनारस पहुंची। पूछताछ की प्रक्रिया पूरी कर प्रकरण का पुलिस खुलासा किया है।

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