इलाहाबाद हाई कोर्ट में साल 2022 से होगी मुकदमों की E-Filing-

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Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने का देश के सभी हाईकोर्ट को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के क्रम में हाईकोर्ट ने सरकारों को केसों को E-Filing मोड से करने को कहा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में आगामी एक जनवरी 2022 से केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार समेत सरकार के किसी भी अथॉरिटी की तरफ से कोई भी केस अब E-Filing मोड से ही दाखिल होगा।

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने का देश के सभी हाईकोर्ट को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के क्रम में हाईकोर्ट ने सरकारों को केसों को E-Filing मोड से करने को कहा है।

कोर्ट में जनवरी से E-Filing मोड में केसों को दाखिल करना है-

हाईकोर्ट के निर्देश के अनुपालन में यहां प्रदेश सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता व शासकीय अधिवक्ता ने सिविल और क्रिमिनल साइड के सभी सरकारी वकीलों को जनवरी से ई-फाइलिंग मोड में केसों को दाखिल करने को कहा है।

इस प्रक्रिया के लिए हाईकोर्ट में काम करने वाले  सभी सरकारी वकीलों को कहा गया है कि वह अपना शीघ्र  डिजिटल हस्ताक्षर बनवा कर मुख्य स्थाई अधिवक्ता कार्यालय को सूचित करें।

E-Filing के लिए डिजिटल सिग्नेचर बनवा लेना है-

ई-फाइलिंग के लिए सभी सरकारी वकीलों को डिजिटल सिग्नेचर बनवा कर बताने को इसलिए कहा गया है ताकि केसों का दाखिला अगले साल से होने मे किसी प्रकार का कोई अड़चन न हो।

ज्ञात हो कि वर्तमान व्यवस्था में सरकारी व प्राइवेट सभी मुकदमे मैनुअली दाखिल किए जाते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ डीवाई चंद्रचूड ने हाईकोर्ट से कहा है कि एक जनवरी 2022 से सरकार के लिए मुकदमों का दाखिला ई-फाइलिंग मोड से ही स्वीकार करें। इसलिए सरकार के लिए मुकदमों का दाखिला ई-फाइलिंग मोड से करना अनिवार्य हो गया है।

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