‘भावनाओं का आदान-प्रदान ही वैवाहिक जीवन की आत्मा वरना शादी महज एक कानूनी बंधन’- हाई कोर्ट

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दिल्ली हाई कोर्ट Delhi High Court ने एक महिला को तलाक Divorce की मंजूरी देते हुए कहा कि भावनाओं के आदान-प्रदान के बिना विवाह महज एक कानूनी बंधन Only Legal Binding है.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने आदेश में कहा, ऐसा नहीं है कि हर शादी, जहां युगल Couple काम या अन्य दायित्वों Obligations के लिए सहमति से एक-दूसरे से अलग रहते हैं, टूटी हुई है.

अदालत ने क्या कहा?

अदालत ने कहा कि विवाह का उद्देश्य दो आत्माओं को एक साथ लाना है, जो जीवन नामक साहसिक यात्रा पर निकलती हैं. वे अनुभव, मुस्कान, दुख, उपलब्धियों और संघर्षों को साझा करते हैं. वे अपनी भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक Mental and Physical उपस्थिति से सभी स्थितियों में एक दूसरे का उत्थान Uplift और समर्थन करते हैं. जीवन की इस यात्रा में, वे व्यक्तिगत, सामाजिक और आध्यात्मिक बंधन, चिरस्थायी Everlasting यादें, भविष्य की योजनाएं Planing of Futures बनाते हैं, जिसके माध्यम से वे समाज में सह-अस्तित्व में रहते हैं.

शादी ‘भावनाओं का आदान-प्रदान’

हाई कोर्ट ने कहा कि शादी का एक अनिवार्य पहलू शारीरिक और भावनात्मक Physical and Emotional रूप से एक-दूसरे के जीवन में मौजूद होना है. यह कहना नहीं है कि हर शादी, जहां जोड़े काम या अन्य दायित्वों के लिए एक-दूसरे से अलग रहते हैं, एक टूटी हुई शादी है. हालांकि, एक शादी जहां न तो भावनाओं का आदान-प्रदान होता है, न ही सपनों, खुशियों, दुखों, यादों (खुश या उदास) को साझा किया जाता है, केवल एक कानूनी बंधन है.

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शादी के 11 साल में साथ नहीं रहा कपल

अदालत ने नोट किया कि वर्तमान मामले में, कनाडा Canada में रहने वाला पति और भारत में रहने वाली पत्नी अपनी शादी के पूरे 11 सालों के दौरान कभी भी किसी भी महत्वपूर्ण अवधि में एक साथ नहीं रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि पति ने अपने साथी के साथ विदेशी पत्नी के रूप में व्यवहार किया और केवल उसे एक अस्थायी साथी Temporary Partner के रूप में इस्तेमाल किया.

महिला ने फैमिली कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

दरअसल महिला ने फैमिली कोर्ट Family Court के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि उनका 2010 में आर्य समाज मंदिर जिला बागपत, यूपी में हुआ था. उसका पति शादी के बाद से ही अधिकतर कनाडा रहता है. विवाह के बाद पति कनाडा चला गया और कई साल बाद कुछ दिन के लिए भारत आया. उसके साथ घूमने के बाद वापस कनाडा चला जाता था. आरोप है कि इस दौरान पति उसका मानसिक और यौन शोषण Mental and Sexual Abuse करता था.

क्या था पूरा मामला?

34 वर्षीय महिला एक बहुराष्ट्रीय कंपनी Multi national company में नौकरी करती है. महिला की वर्तमान अपील फैमिली कोर्ट Family Court के एक पुराने आदेश के खिलाफ थी, जिसने क्रूरता के आधार पर पति से तलाक के लिए उसके आवेदन को खारिज Reject the Application कर दिया था. इस जोड़े ने 2010 में उत्तर प्रदेश के बागपत में आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार शादी की थी. शादी के बाद उन्हें अभी तक कोई बच्चा भी नहीं है.

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