जिरह के दौरान बचाव पक्ष के वकील द्वारा अभियुक्त को बार बार वकील कहे जाने पर उच्च न्यायालय ने ऐतराज जताया और कहा कि हम उसे वकील शब्द से सम्बोधित न करें।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक फर्जी महिला वकील सेसी जेवियर को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसने लॉ की डिग्री के बिना ढाई साल तक कई केरल उच्च न्यायालय और विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस की थी।
न्यायमूर्ति वी शिरसी ने आरोपी को तत्काल जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा, ‘अगर वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करती है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए।’
जिरह के दौरान बचाव पक्ष के वकील द्वारा अभियुक्त को बार बार वकील कहे जाने पर उच्च न्यायालय ने ऐतराज जताया और कहा कि हम उसे वकील शब्द से सम्बोधित न करें।
जाने क्या है मामला-
फर्जी वकील बनकर केस लड़ रही 27 वर्षीया एक महिला मामले का खुलासा होने के बाद गुरुवार (22 जुलाई, 2021) को अलाप्पुझा (अलेप्पी) कोर्ट से फरार हो गई। महिला पिछले ढाई वर्ष से वकील के तौर काम कर रही थी और फर्जी कागजात के आधार पर कई केसों में शामिल होने बार एसोसिएशन का सदस्य भी बन गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित महिला की पहचान सेसी जेवियर के रूप में हुई है। कुट्टनाड के रमांकारी की निवासी जेवियर बिना किसी संदेह के ढाई साल से अधिक समय तक वकालत करती रही।
फर्जी दस्तावेजों की मदद से उसने अलाप्पुझा अदालत में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के अंतर्गत कनिष्ठ वकील के रूप में काम किया। आरोपित ने कानून के अंतिम वर्ष का छात्र होने का दावा करके उसी वकील के मातहत इंटर्नशिप भी किया था। इसके बाद वह मार्च 2019 में अलेप्पी बार एसोसिएशन की सदस्य भी बन गई।
एडवोकेट कमिश्नर भी बनी-
ज्ञात हो कि जेवियर कई मामलों में अदालत के समक्ष पेश हुई। यही नहीं, उसे 25 मामलों में एडवोकेट कमिश्नर भी नियुक्त किया गया था।
बार एसोसिएशन के चुनाव लड़कर लाइब्रेरियन भी बनी जेवियर-
जानकारी हो की जेवियर ने 2021 में बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा और लाइब्रेरियन का चुनाव जीत गई। हालाँकि, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब 15 जुलाई को बार एसोसिएशन को एक गुमनाम पत्र मिला। पत्र में दावा किया गया था कि सेसी जेवियर के पास कानून की कोई डिग्री या एनरॉलमेेंट सर्टिफिकेट नहीं है। जाँच के दौरान पता चला कि वह तिरुवनंतपुरम में स्थित एक अन्य अधिवक्ता की एनरॉलमेेंट नंबर पर वकालत कर रही थी।
बार कॉउन्सिल ने निरस्त की सदस्यता-
बार काउंसिल ने फर्जी वकील की सदस्यता समाप्त की
यह बात भी सामने आई कि जेवियर ने केरल बार काउंसिल में कभी एनरॉलमेंट नहीं कराया था। महिला ने शुरू में तिरुवनंतपुरम से कानून की पढ़ाई करने का दावा किया था, लेकिन बाद में उसने बताया था कि बेंगलुरु से डिग्री हासिल करने की है।
हालाँकि, मामले का खुलासा होते ही बार एसोसिएशन ने उसकी सदस्यता समाप्त कर दी और मामले की सूचना जिला जज को दी। सेसी जेवियर ने बार एसोसिएशन द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा-
पुलिस ने केस दर्ज किया, आरोपित कोर्ट परिसर से फरार
इसके बाद बार एसोसिएशन ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में महिला के खिलाफ लाइब्रेरियन रहते किताबें और दुर्लभ दस्तावेज चुराने की शिकायत दर्ज कराई। ऐसा माना जाता है कि पुलिस की पकड़ में आने से पहले महिला ने अपने फर्जी प्रमाण पत्रों को नष्ट कर दिया।
अलाप्पुझा उत्तर पुलिस ने सचिव, अलाप्पुझा बार एसोसिएशन की शिकायत के आधार पर फर्जी महिला वकील के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सेसी जेवियर के खिलाफ धारा 417 (धोखाधड़ी), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि सेसी जेवियर ने रोल नंबर K 1177/2018, जो तिरुवनंतपुरम में प्रैक्टिस कर रहे एक अन्य वकील का रोल नंबर है, पर कोर्ट के सामने वकील के तौर पर झूठा काम किया।
गुरुवार (22 जुलाई) को आरोपित महिला सरेंडर करने के इरादे से अलाप्पुझा में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट-1 की अदालत पहुँची। बताया जा रहा है कि उसे अदालत से जमानत की उम्मीद थी। हालाँकि, जब जेवियर को मालूम हुआ कि उसके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में FIR दर्ज की गई है तो वह कुछ अज्ञात अधिवक्ताओं की मदद से अदालत के पिछले दरवाजे से भाग गई। उसके बाद पुलिस लगातार सेसी जेवियर की तलाश कर रही है।