फर्जी जमानत आदेश, फर्जी जमानतदार, फर्जी दरोगा के सहारे असली गैंगस्टर जेल से फरार-

फर्जी जमानत आदेश, फर्जी जमानतदार, फर्जी दरोगा के सहारे असली गैंगस्टर जेल से फरार-

मुरादाबाद – गैंगस्टर का आरोपी फर्जी जमानतियों के आधार पर जेल से बाहर आ गया। इसके लिए उसने फर्जी कागज जमा किए। इतना ही नहीं थाने की मोहर और दरोगा भी फर्जी निकला। जांच में खुलासा होने पर सिविल लाइंस पुलिस ने गैंगस्टर, उसके दो जमानती और अज्ञात पैरोकार के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

कोतवाली प्रभारी अजय कुमार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया गया है कि नदीम पुत्र सलीम निवासी करूला, गली नंबर आठ कटघर थाने का गैंगस्टर है। उसके खिलाफ मुगलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी विवेचना इंस्पेक्टर कोतवाली द्वारा की जा रही थी। नदीम पर थाना कटघर में दर्ज मुकदमों की जमानत तसदीक कराई गई। पता चला कि जमानत 10 अक्टूबर 2017 को अपर सत्र विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट द्वारा स्वीकृत की गई थी।

सदर कोतवाली प्रभारी अजय कुमार की ओर से दर्ज कराए गए केस में बताया गया है कि थाना कटघर क्षेत्र के करुला निवासी नदीम थाना कटघर का गैंगस्टर है। नदीम के खिलाफ मुगलपुरा थाने में भी मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना कोतवाली प्रभारी द्वारा की गई।

कटघर थाना में दर्ज नदीम के मुकदमे की जमानत 10 अक्तूबर 2017 को अपर सत्र विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट द्वारा स्वीकृत की गई थी, जिसमें अमर सिंह निवासी मूंढापांडे द्वारा जमानत ली गई थी। तस्दीक की गई तो अमर सिंह नाम का कोई व्यक्ति मिला ही नहीं। मूंढापांडे थाने ने जांच की तो पता चला कि जमानत पर मौजूद प्रपत्रों की तस्दीक रिपोर्ट एसआई टीपी सिंह द्वारा लगाई गई थी, जबकि इस नाम का कोई उपनिरीक्षक मूंढांपांडे थाने में कभी तैनात ही नहीं रहा। थाने की मोहर भी फर्जी पाई गई। हैसियत रिपोर्ट लगाने वाले राजस्व निरीक्षक बाबूराम शर्मा ने भी इसे फर्जी बताया।

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अमर सिंह पुत्र रामप्रसाद निवासी मूंढापांडे व पूरन सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी ग्राम भैंसिया द्वारा जमानत ली गई थी। जांच की गई तो इन नामों के व्यक्ति कहीं नहीं मिले। मूंढापांडे से जांच कराई तो पता चला कि जमानत पर मौजूद प्रपत्रों की तसदीक रिपोर्ट एसआई टीपी सिंह द्वारा लगाई गई थी, जबकि इस नाम का कोई उपनिरीक्षक मूंढापांडे थाने में कभी तैनात ही नहीं रहा। थाने की मोहर भी फर्जी पाई गई। हैसियत रिपोर्ट लगाने वाले राजस्व निरीक्षक बाबूराम शर्मा ने भी इसे फर्जी बताया।

जमानतियों का न गांव में वजूद, न वोटर लिस्ट में मिला नाम-
मुकदमे में अमर सिंह पुत्र रामप्रसाद और पूरन सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी ग्राम भैंसिया ने जमानत ली थी। इस मामले में जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि अमर सिंह और पूरन सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति ग्राम मूंढापांडे व भैंसिया में नहीं रहता है। न ही पूर्व में कभी इन गांवों में रहते थे। दोनों जमानतियों के नाम ग्राम की वोटर लिस्ट में भी दर्ज नहीं हैं।

जांच में नदीम व उसके पैरोकारों द्वारा फर्जी जमानत तसदीक कराकर जमानत कराने की पुष्टि हुई। इंस्पेक्टर अजय कुमार की तहरीर पर नदीम, अमर सिंह और पूरन सिंह तथा नदीम के पैरोकार के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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