बलिया जिले में शराब माफियाओं ने जज के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग कर अपनी जमानत लेते हुए सैकड़ों पेटी शराब को रिलीज करा लिया है, बताया जा रहा है कि उक्त फर्जीवाड़े की जानकारी सहतवार पुलिस के पास कोर्ट से जारी रिलीज ऑर्डर आने के बाद उसकी गहराई से जांच करने के बाद हुई। सूत्रों कि माने तो कुछ लोगों की जमानत भी इसी फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर हुई है जिसके बाद से पुलिस ने एक प्राइवेट कर्मचारी समेत कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेते हुए उनसे पूछताछ कर रही है। साथ ही उक्त मामले में एक लिपिक का नाम भी सामने आया है जो की इस गिरोह का हिस्सा हो सकता है। वही जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि दीवानी न्यायालय की कुछ फाइलें, जो शराब तस्करी और अन्य मामलों से संबंधित थीं वो गायब हो गई हैं। कोर्ट ने कुछ आरोपियों को दोषी ठहराया है, जबकि आबकारी विभाग के पास कुछ लोगों ने खुद को दोषमुक्त करने के कागजात पेश किए हैं, इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है और पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की खोज में जुटी हुई है।
शराब माफियाओं को लेकर बलिया में पुलिस सक्रिय हो गयी है बताया जा रहा है कि जज के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर न सिर्फ अपनी जमानत कराई गई है बल्कि सैकड़ों पेटी शराब को भी रिलीज करा लिया है। इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस मामले की तह तक जाने के प्रयास में जुटी हुई है। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट के लिपिक सुशील कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार किया है, अभी कई लोग रडार पर है।
सहतवार पुलिस के पास कुछ दिनों पूर्व कोर्ट से दो-तीन सौ पेटी पकड़ी गयी शराब का रिलीज आर्डर पहुंचा। पुलिस को आर्डर पर संदेह हुआ तो मामले से अधिकारियों को अवगत कराया। छानबीन की गयी तो पता चला कि न्यायालय से जारी किया गया रिलीज आर्डर पर जज के हस्ताक्षर फर्जी है। जांच पड़ताल में जुटी पुलिस को जानकारी हुई कि कुछ लोगों की जमानत भी जज के फर्जी हस्ताक्षर से ही हुए हैं।
इसके बाद पुलिस, प्रशासनिक व न्यायायिक अधिकारियों तक यह मामला पहुंच गया।अंदर खाने में खलबली मच गई। सभी ने इस प्रकरण की गहराई से छानबीन कराने के लिए पुलिस को लगाया। पुलिस ने मामले की गोपनियता से छानबीन की तो कोर्ट में काम कर रहे एक प्राइवेट कर्मचारी उमरगंज निवासी दीपांशु गुप्ता व कुछ अन्य संदिग्धों को पकड़कर पूछताछ किया तो लिपिक सुशील कुमार उपाध्याय पुत्र त्रिभुवन उपाध्याय निवासी सराय मलिक गद्दो मछली शहर जौनपुर की संलिप्तता सामने आई, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस गिरोह में शामिल कई अन्य आरोपियों को चिन्हित किया है, वह भी जल्द गिरफ्त में होंगे। कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि पूछताछ जांच पड़ताल के बाद लिपिक की मिलीभगत होने पर गिरफ्तार किया गया है।