देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court के पांच जज भी कोविड संक्रमित हो गए हैं। संक्रमण की चपेट में आए जज समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी यानी सेम सेक्स मैरिज केस की सुनवाई कर रहे। इसमें संविधान बेंच के एक जज भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा वर्तमान में COVID-19 के नए वैरिएंट से पीड़ित हैं। वहीं न्यायमूर्ति सूर्यकांत एक सप्ताह पहले ही कोविड संक्रमण से ठीक हुए हैं।
इस वजह से सोमवार को संविधान बेंच में इस महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दे पर होने वाली सुनवाई नहीं हो पाएगी क्योंकि बेंच नहीं बैठेगी। ये जज गुरुवार तक समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई करे रहे पांच न्यायाधीशों की संविधान बेंच के हिस्से के रूप में बैठे थे।
बेंच के बाकी सदस्य जजों के सेहत की निगरानी की जा रही है। हाल ही में एक जज कोविड संक्रमण से मुक्त होकर कोर्ट में वापस आए हैं। इस समस्या की वजह से या तो समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई टलेगी या फिर संक्रमित जज Online बेंच में शामिल होंगे।
देश में कोरोना के 66170 एक्टिव केस-
देश में कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 66,170 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। सरकार ने इन राज्यों को एहतियात बरतने को कहा है।
दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोविड-19 से दो लोगों की मौत हो गई है जबकि 909 लोगों की रिकवरी हुई है। दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर लगभग 28 फीसदी है। राजधानी में एक्टिव मरीज चार हजार के आसपास है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना के कुल 5499 टेस्ट किए गए और 909 मरीज ठीक हुए।
उच्च न्यायालय में मास्क पहनना अनिवार्य-
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अपने कर्मचारियों के साथ-साथ वकीलों और उनके मुवक्किलों को भी अदालत परिसर में हर समय मास्क पहनने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने लोगों से बड़ी संख्या में इकट्ठा नहीं होने एवं कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करने को भी कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने अपने रजिस्ट्रार जनरल से उनके आदेशों का पालन हो सुनिश्चित करने को कहा है।