न्यायिक इतिहास में पहली बार उच्च न्यायलय न्यायाधीश ने Whats app के जरिए रविवार को की मामले की इमरजेंसी सुनवाई-

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उन्होंने मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि रिट याचिकाकर्ता की प्रार्थना की वजह से मुझे नागरकोइल से इमरजेंसी सुनवाई करनी पड़ी है और व्हाट्सएप Whats app के जरिए मामले की सुनवाई की जा रही है।

न्यायिक इतिहास में पहली बार उच्च न्यायलय द्वारा किसी न्यायाधीश ने व्हाट्सएप Whats app के जरिए किसी मामले की सुनवाई की है। ये हैरान कर देने वाला मामला रविवार Sunday की छुट्टी Holiday वाले दिन हुआ है।

पूरा मामला इस प्रकार से है जब मद्रास हाईकोर्ट Madras High Court के जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए शहर से बाहर नागरकोइल गये थे। वहीं से उन्होंने वॉट्सऐप से एक मामले की सुनवाई की।

रथ यात्रा से जुड़ा था विशेष मामला-

ज्ञात हो की मामला धर्मपुरी जिले के एक मंदिर से जुड़ा हुआ है। श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से हर साल निकलने वाली रथ यात्रा पर हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक ने मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश दिया था। इस मामले में श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर के वंशानुगत ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने दलील दी थी कि अगर सोमवार को उनके गांव में प्रस्तावित रथ महोत्सव आयोजित नहीं किया गया तो गांव को ‘दैवीय प्रकोप’ झेलना पड़ेगा। इस मामले में इमरजेंसी को देखते हुए जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की।

व्हाट्सएप से हुई इमरजेंसी सुनवाई-

उन्होंने मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि रिट याचिकाकर्ता की प्रार्थना की वजह से मुझे नागरकोइल से इमरजेंसी सुनवाई करनी पड़ी है और व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की जा रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने नागरकोइल से मामले की सुनवाई कर रहे थे, वहीं याचिकाकर्ता के वकील वी राघवाचारी एक स्थान से और सॉलिसिटर जनरल आर षणमुगसुंदरम दूसरी जगह से इस सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे।

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सुनवाई करते हुए जस्टिस ने यह कहते हुए कि हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक को मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, आदेश को खारिज कर दिया।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा-

सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल ने जज से कहा कि सरकार को महोत्सव के आयोजन से कोई दिक्कत नहीं है। सरकार की चिंता केवल आम जनता की सुरक्षा है। उन्होंने तर्क दिया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होने की वजह से तंजोर जिले में हाल में ऐसी ही एक रथ यात्रा में बड़ा हादसा हो गया था। इस पर जज ने मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रथ यात्रा के आयोजन के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित नियम एवं शर्तो का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही जज ने सरकारी विद्युत वितरक कंपनी टैनगेडको रथयात्रा शुरू होने से लेकर इसके गंतव्य पर पहुंचने तक कुछ घंटे के लिए क्षेत्र की बिजली काट देने का निर्देश दिया है।

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