गुजरात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति समीर जे. दवे की बेंच ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। एक आरोपी पर 1 लाख रुपये जिसने अपनी शादी का झांसा देकर उसे जमानत पर रिहा करने की प्रार्थना की थी।
आवेदक-आरोपी ने अपनी शादी के आधार पर 30 दिनों की अवधि के लिए अस्थायी जमानत पर रिहा करने की प्रार्थना करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
एडवोकेट अमित डी शाह आरोपी के लिए पेश हुए जबकि एपीपी जेके शाह राज्य के लिए पेश हुए।
पुलिस निरीक्षक की रिपोर्ट में, यह कहा गया था कि गवाहों के बयानों से पता चलता है कि जिस लड़की के साथ आरोपी शादी करने वाला था उसका पड़ोसी कौन है, यह बताया गया है कि उस लड़की की शादी नहीं हुई है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि लड़की भी कोर्ट को गलत जानकारी देकर इसी तरह की गतिविधियों में शामिल थी।
अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आवेदक-आरोपी इतने सारे अपराधों में शामिल था और उसके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। इस प्रकार न्यायालय ने आरोपी व्यक्ति के आवेदन पर विचार करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने रूपये एक लाख की कास्ट सलेम एडवोकेट बार एसोसिएशन, टीएन बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और दशरथलाल एम. पटेल, मगनभाई जोइताराम और अन्य के वारिसों और अन्य और कानूनी प्रतिनिधियों बनाम गुजरात राज्य में गुजरात उच्च न्यायालय का फैसला आदि पर भरोसा करते हुए लगाया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा की “वर्तमान आवेदनों को खारिज कर दिया जाता है और तदनुसार 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की लागत के साथ संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष इस प्राप्ति की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर जमा किया जाना है।”
केस टाइटल – इमरान @ छोटू कदवा इस्त्यक अहमद सिद्दीकी बनाम गुजरात राज्य
केस नंबर – CRIMINAL MISC.APPLICATION NO. 20532 of 2022