Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसार में वजूखाने की सफाई होगी। इससे लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी। यह आदेश अदालत ने हिंदू पक्ष की मांग पर दिया। कहा कि साफ-सफाई का काम जिलाधिकारी की देखरेख में किया जाएगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में मामले की सुनवाई हुई। उन्होंने याचिका पर जल्द सुनवाई का भरोसा जताया था।
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को बड़ी राहत दी है। अदालत ने मस्जिद के वजूखाने को साफ करने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि यह काम जिलाधिकारी की निगरानी में किया जाएगा और सील की गई जगह पर कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। हिंदू पक्ष की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल कर कहा था कि वजूखाने में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की वजह से टैंक गंदा हो गया है। ऐसे में इसकी सफाई की जरूरत है।
भावनाएं आहत होने का किया दावा-
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा कि वजूखाने की मछलियां मर गई हैं। इस कारण से बदबू आ रही है। वहां मौजूद शिवलिंग हिंदुओं के लिए पवित्र है। याचिका में आगे कहा गया, शिवलिंग को गंदगी से दूर रखना चाहिए। उसकी सफाई होनी चाहिए। अभी वह मरी मछलियों से घिरा है। जिस वजह से भगवान शिवजी को मानने वाले भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
अंजुमन इंटेजामिया मस्जिद के पास प्रबंधन की जिम्मेदारी-
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जरिए यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। याचिका में कहा गया कि अंजुमन इंटेजामिया मस्जिद के पास वहां पर प्रबंधन की जिम्मेदारी है। इस लिए मछलियों के मारे जाने के लिए वो जिम्मेदार हैं। ऐसे में सफाई के लिए जिलाधिकारी को दिशा निर्देश की मांग की गई।
16 मई 2022 को मिला था शिवलिंग-
वाराणसी कोर्ट के आदेशल पर ज्ञानवापी परिसर का 6-7 मई और 14 से 16 मई 2022 को कमिश्रर सर्वे हुआ था। 16 मई को कथित शिवलिंग मिला था। शिवलिंग के मिलने पर हिंदू पक्ष के वकील ने अदालत में अर्जी दाखिल कर स्थान को सील करने की मांग की थी। जिस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने वजूस्थल को सील करने का आदेश दिया था। 17 मई को डीएम ने वजूस्थल को सील कर दिया। इसी के साथ ही सीआरपीएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई।