ज्ञानवापी परिसर Gyanvapi Premises में एडवोकेट कमिश्नर Advocate Commissioner की कार्यवाही के अंतिम दिन सोमवार को महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। वादी पक्ष का दावा है कि मस्जिद परिसर में बनाई गई टंकी (जिसे तालाब कहा जा रहा) का पानी निकालने पर एक बड़ा शिवलिंग सामने आया है।
इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित वादी पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कार्यवाही खत्म होते ही कोर्ट पहुंचे। इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे सिविल जज (Senior Division) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया कि मस्जिद के अंदर शिवलिंग पाया गया है जो बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। लिहाजा इसे सील कराया जाए। इस पर तत्काल सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संबंधित स्थल को तत्काल प्रभाव से सील करने का जिलाधिकारी को आदेश दे दिया। तत्परता बरतते हुए इसका अनुपालन कर दिया गया।
कोर्ट Court ने अपने आदेश में कहा कि सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। साथ ही जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी, पुलिस कमिश्नर वाराणसी कमिश्नरेट व सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि सील किए गए स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी उनकी व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। सील किए गए स्थान के बाबत स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है, इसके पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव की होगी।
एडवोकेट कमिश्नर की चार दिनों तक चली लगभग 13 घंटे की कार्यवाही में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की बाहर से लेकर भीतर तक फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई। इसमें गुंबद अतिरिक्त संरचना की तरह नजर आ चुका है। तहखाने में कई स्थानों पर भरे मलबे की सफाई में कलश Kalash मिला, हालांकि समय की बंदिशों के कारण इसे पूरी तरह साफ नहीं किया जा सका। कुछ हिस्सा ईंट की दीवार से बंद होने के कारण इसे भी नहीं देखा जा सका।
रविवार को कार्यवाही के दौरान ही वादियों ने मुख्य गुंबद के सामने स्थित तालाब का पानी निकाल कर देख लेने का आग्रह किया था। इसके लिए नगर निगम की टीम बुलाई गई थी जो मछली निकालने के लिए जाल भी साथ लाए थे।
करीब 10 हजार लीटर पानी की निकासी की गई। पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई। करीब ढाई घंटे बाद सर्वे टीम जब बाहर निकली और वादी पक्ष के चेहरे प्रसन्नता के भाव देख सड़क पर खड़े लोगों ने हर हर महादेव के उद्घोष से स्वागत किया।
शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की इजाजत के लिए दिल्ली की राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, लक्ष्मी देवी व रेखा पाठक ने शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन व विग्रहों को संरक्षित करने के बाबत 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीडि.) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल किया था।
अदालत ने इसे सुनवाई के लिए स्वीकारते हुए मौके की स्थिति जानने को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही छह मई को शुरू हुई। पहले दिन मस्जिद के बाहरी हिस्से का सर्वेक्षण किया गया, लेकिन दूसरे दिन सात मई को प्रतिवादी पक्ष ने आदेश की प्रति मांगते हुए मस्जिद के अंदर जाने से रोक दिया। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए डीएम-पुलिस कमिश्नर को कार्यवाही पूरी कराने और चाबी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी। साथ ही सुनवाई के लिए 17 तक रिपोर्ट मांगी है।
सर्वेक्षण कार्यवाही के दौरान एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह, सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह, वादी-प्रतिवादीगण व उनके अधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर समेत नामित सदस्यगण मौजूद थे।
सुबह से ही इलाके की रही नाकेबंदी-
आखिरी दिन सर्वे Last Day Of Survey को लेकर सुबह छह से ही इलाके में गोदौलिया व मैदागिन से नाकेबंदी कर दी गई थी। सर्वे की कार्यवाही सुबह आठ बजे शुरू हुई। वादी-प्रतिवादी के वकील पहुंचे और एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह व सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह की निगरानी में कार्यवाही संपादित की गई।
नंदी को जिसका था इंतजार, मिल गए बाबा-
सबसे पहले बाहर आए वादी पक्ष के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने पत्रकारों से बातचीत की शुरूआत ही “जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ..” से किया और संकेत दे दिए। उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को लेकर संतोष जताया। यह भी कहा कि नंदी महाराज जिसका इंतजार कर रहे थे वे बाबा मिल गए।
वादी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि अंत भला तो सब भला। सर्वे के दौरान कोई मलबा नहीं हटाया गया है। कृत्रिम तालाब से पानी जरूर निकाला गया है। सर्वे को लेकर दोनों पक्षों ने पूरा सहयोग किया। दावे के सापेक्ष मजबूत साक्ष्य मिले हैं जिसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
शिवलिंग मिलने के दावे से इनकार-
प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील मुमताज अहमद ने सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में किसी शिवलिंग के मिलने के हिंदू पक्ष के दावे से इनकार किया है। कहा, यह उनका नजरिया है। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होने पर सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।
प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने भी शिवलिंग मिलने के दावे को खारिज किया। कहा कि कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत होने से पहले कोई टिप्पणी उचित नहीं होगी। उन्होंने वादी पक्ष के वकील विष्णु जैन के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट दाखिल होने से पहले ऐसा बयान देना उचित नहीं है।
जिला प्रशासन District Administration की ओर से मौके पर मौजूद जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि न्यायालय के आदेशानुसार कमीशन की कार्यवाही पूरी हो गई। एडवोकेट कमिश्नर की ओर से 17 मई को कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। शिवलिंग मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं।