Sports फुटबॉल के भगवान के रूप में मशहूर अर्जेंटीना के महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना का असामयिक निधन-

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महानतम फुटबॉलर्स में से एक डिएगो माराडोना (Diego Maradona) का निधन हो गया है. वे 60 साल के थे. कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हुआ. वे अर्जेंटीना (Argentina) में अपने घर पर ही थे. अपनी कप्तानी में माराडोना ने 1986 में अर्जेंटीना को फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप जिताया था.

Diego Maradona

1986 के वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ एक गोल उनके हाथ से लगकर गई गेंद से हुआ था. इसे माराडोना ने हैंड ऑफ गॉड (Hand Of God) कहा था. हालांकि उनके दूसरे गोल को वर्ल्ड कप इतिहास के महानतम गोल्स में से एक माना जाता है. इसमें उन्होंने इंग्लैंड के पांच खिलाड़ियों को छकाते हुए फुटबॉल को गोलपोस्ट में डाल दिया था.

माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच में 34 इंटरनेशनल गोल किए. वे चार बार अर्जेंटीना के लिए वर्ल्ड कप भी खेले थे. 1990 के वर्ल्ड कप में भी वे टीम को फाइनल तक ले गए थे. लेकिन यहां पर वेस्ट जर्मनी से हार मिली थी. 1994 के वर्ल्ड कप में भी वे टीम के कप्तान थे लेकिन ड्रग टेस्ट में फेल होने के चलते उन्हें वापस घर भेज दिया गया था. उनका प्रोफेशनल करियर 21 साल तक चला.

करियर के दूसरे हिस्से में माराडोना कोकीन की लत से जूझते रहे. इससे उन्हें काफी परेशानी भी हुई. 1991 में ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद उन पर 15 मिनट का बैन भी लगा था. वे 1997 में फुटबॉल से रिटायर हो गए थे. माराडोना बोका जूनियर्स, बार्सिलोना और नेपोली जैसे क्लब के लिए भी खेले थे. इटली के क्लब नेपोली के लिए खेलते हुए उन्होंने टीम को दो सीरी ए खिताब जिताए थे.

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माराडोना ने पिछले दिनों ही उन्होंने ब्रेन की सर्जरी कराई थी. इसके जरिए ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के को हटाया गया था. वे शराब भी काफी पिया करते थे. ऐसे में शराब की लत हटाने का भी इलाज किया जाना था.

इसके बाद साल 2008 में वे अर्जेंटीना के कोच बने. उनके रहते टीम 2010 के क्वार्टर फाइनल में जर्मनी से हारकर बाहर हो गई.

माराडोना का करियर अर्जेंटीनोज जूनियर्स के साथ शुरू हुआ. इसके बाद वे बोका जूनियर में शामिल हो गए. यहां से बार्सिलोना ने उन्हें चुन लिया. दो सीजन तक वे बार्सिलोना के लिए खेले थे. यहां से नेपोली चले गए. इसी क्लब से माराडोना ने महानता की तरफ कदम उठाए.

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