इलाहाबाद उच्च न्यायालय Allahabad High Court ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी वाली फेसबुक पोस्ट Facebook Post डालने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR) को रद्द करने से इनकार कर दिया।
प्रस्तुत रिट याचिका प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध संख्या 26 को खारिजकरने की प्रार्थना के साथ दायर की गई है, प्राथमिकी वर्ष २०२० में दर्ज किया गया जो धारा 504 आईपीसी और धारा 67 आईटी अधिनियम, के तहत पुलिस स्टेशन मीरगंज, जिला जौनपुर में लिखी गई थी।
प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध संख्या 26 के अनुसार, याचिकाकर्ता-आरोपी मुमताज मंसूरी ने एक “अत्यधिक आपत्तिजनक” फेसबुक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने प्रधान मंत्री और गृह मंत्री और अन्य मंत्रियों को “कुत्ता” कहा था।
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की पीठ ने कहा कि किसी भी नागरिक द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ गालियां देने से, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण नहीं मिलेगा।
कोर्ट ने कहा, “हालांकि इस देश का संविधान प्रत्येक नागरिक के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मान्यता देता है लेकिन ऐसा अधिकार भारत सरकार के प्रधान मंत्री या अन्य मंत्रियों को छोड़कर किसी भी नागरिक के खिलाफ गाली-गलौज करने या अपमानजनक टिप्पणी करने तक नहीं है।”
इसके बाद उन्होंने मामले को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया।
कोर्ट ने माना कि प्राथमिकी में संज्ञेय अपराध का खुलासा हुआ है और याचिका खारिज कर दी गई है।
आदेश में कहा गया, “पहली सूचना रिपोर्ट स्पष्ट रूप से संज्ञेय अपराध को अंजाम देने का खुलासा करती है। हमें इस तरह की पहली सूचना रिपोर्ट को रद्द करने की प्रार्थना के साथ दायर वर्तमान रिट याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अच्छा आधार नहीं मिलता है।”
अदालत द्वारा श्री सैयद अली मुर्तजा राज्य अधिवक्ता को इस आदेश की प्रति जिले की पुलिस वरिष्ठ अधीक्षक को भेजने का भी निर्देश दिया।
केस टाइटल – मुमताज़ मंसूरी बनाम यूपी राज्य और 2 अन्य
केस नंबर – CR MISC. WRIT PETITION No. – 7015 of 2020
कोरम – न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार-चतुर्थ