हाई कोर्ट का वकील को आदेश, वर्चूअल सुनवाई के दौरान आपत्तिजनक स्थिति में दिखी महिला को दे ₹. 4 लाख हर्जाना-

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Madras High Court मद्रास हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने Virtual Hearing वर्चूअल सुनवाई की कार्यवाही के दौरान एक महिला कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखे गए एक वकील को महिला को मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति पीएन प्रकाश और न्यायमूर्ति ए.ए. नक्किरन की पीठ ने कहा, “हमें लगा कि ‘X’, जो वीडियो में पाई गई महिला है, उसे उचित मुआवजा दिलवाना चाहिए।” जब हमने प्रतिवादी/अवमाननाकर्ता के वकील को यह सुझाव दिया, तो वह ‘X’ को मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये देने के लिए तैयार हो गया। नतीजतन, कोर्ट प्रतिवादी को महिला के नाम पर 4 लाख रुपये का Demand Draft डिमांड ड्राफ्ट प्राप्त करने का आदेश देती है, जिसे हम आदेश में प्रकट नहीं करना चाहते हैं।”

अधिवक्ता को दो सप्ताह के भीतर 400000/- रूपये का डिमांड ड्राफ्ट टीएनएलएसए सदस्य-सचिव के पास जमा कराने का निर्देश दिया गया।

अदालत ने अधिवक्ता के खिलाफ 21 दिसंबर को शुरू की गई ‘स्वत: संज्ञान आपराधिक अवमानना’ की कार्यवाही पर आदेश सुरक्षित रखते हुए निर्देश जारी किया। इसके बाद 5 अप्रैल को मामले को सार्वजनिक किया गया।

वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की कार्यवाही के दौरान महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में वकील का एक वेबकैम वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद कार्यवाही शुरू की गई थी।

उच्च न्यायलय द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के बाद, सीबी-सीआईडी ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 228, 292 (2) (ए), और 294 (ए) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 67-ए के तहत गिरफ्तार किया और 2 फरवरी को वह जमानत पर रिहा हुआ था।

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